क्या है कानूनी प्रावधान?
भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) के तहत बिना सहमति के किसी महिला की तस्वीर या वीडियो लेना और उसे प्रकाशित करना गंभीर अपराध माना जाता है। निम्नलिखित धाराएं इस तरह के मामलों में लागू होती हैं:आईपीसी धारा 354C (वॉयरिज्म)
यह धारा उस स्थिति को कवर करती है, जिसमें कोई व्यक्ति किसी महिला के निजी कार्यों (जैसे स्नान करना या अन्य निजी गतिविधियां) को देखता है या उसकी तस्वीर/वीडियो रिकॉर्ड करता है, जो वह सार्वजनिक रूप से नहीं करती।आईटी एक्ट धारा 66E
यह धारा किसी व्यक्ति की निजी तस्वीरों या वीडियो को बिना अनुमति के लेने और उन्हें सोशल मीडिया या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर प्रकाशित करने से संबंधित है। यह निजता के अधिकार का उल्लंघन माना जाता है।आईटी एक्ट धारा 67
यदि कोई व्यक्ति अश्लील सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से साझा करता है, तो यह धारा लागू होती है।भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21
निजता का अधिकार (Right to Privacy) भारत के संविधान के तहत मौलिक अधिकार है। बिना सहमति के तस्वीर या वीडियो शेयर करना इस अधिकार का उल्लंघन है, जिसके लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।बेंगलुरु में गिरफ्तारी
हाल ही में बेंगलुरु के चर्च स्ट्रीट इलाके में एक युवक, गुरदीप सिंह, को बिना अनुमति महिलाओं के वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। एक युवती ने सोशल मीडिया पर इसकी शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। इस घटना ने समाज में निजता और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बहस को और तेज कर दिया है।क्या करें पीड़ित?
शिकायत दर्ज करें: पीड़ित व्यक्ति नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कर सकता है। साइबर अपराध शिकायत पोर्टल (https://cybercrime.gov.in/) या राष्ट्रीय महिला आयोग (http://ncw.nic.in/) पर भी शिकायत की जा सकती है।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शिकायत: संबंधित पोस्ट को हटाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट करें। यदि प्लेटफॉर्म कार्रवाई नहीं करता, तो अदालत का सहारा लिया जा सकता है।