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अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो दुनिया में सबसे सुरक्षित होंगे यह देश, जानें नाम

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव से तीसरे विश्व युद्ध की आशंका
भी बढ़ रही है। अगर भविष्य में ऐसा होता है तो कौनसे देश दुनिया में सबसे सुरक्षित होंगे वह जानें।

भारतJun 24, 2025 / 04:26 pm

Himadri Joshi

world war

world war ( photo – patrika network )

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ता तनाव अब एक वैश्विक समस्या बन गया है। कई कोशिशों के बावजूद इस युद्ध के रुकने के कोई आसार नजह नहीं आ रहे है। पहले जहां यह सिर्फ दो देशों के बीच की जंग थी वहां अब अमेरीका भी इस युद्ध में शामिल हो गया है। हाल ही अमेरीका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। इस हमले में उन्होंने बंकर-बस्टर नामक बहुत बड़े और ताकतवर बमों का इस्तेमाल किया, जिनका वजन करीब 30,000 पाउंड (लगभग 13,600 किलोग्राम) था। इन बमों को खास तौर पर जमीन के अंदर गहरे बने ठिकानों को तबाह करने के लिए बनाया गया है।

दुनिया पर मंडरा रहा विश्व युद्ध का खतरा

अमेरीका ने यह हमले तेहरान के खिलाफ इजरायल के चल रहे हवाई अभियानों के साथ साथ किए है, जिससे क्षेत्र में तनाव काफी बढ़ गया है। हालांकि बढ़ती चिंताओं के बीच अमेरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि ईरान और इजरायल ने शांति के लिए उनकी मध्यस्थता की मांग की है। साथ ही ट्रंप ने युद्धविराम की घोषणा भी कर दी थी लेकिन उनके प्रयासों के बावजूद स्थिती में कोई सुधार नहीं आया है और एक वैश्विक युद्ध का डर अभी भी दुनिया पर मंडरा रहा है।

अगर युद्ध हुआ तो यह देश होंगे सुरक्षित

इन हालातों को देखते हुए कई लोग अब तीसरे विश्व युद्ध के शुरु होने की आंशका भी जता रहे है। अगर ऐसा होता है तो दुनिया भर से सहयोगी देश इस युद्ध में शामिल होंगे और युद्ध से होने वाले भयानक परिणामों की चपेट में आएंगे। लेकिन दुनिया में कुछ देश ऐसे भी है जो अपनी भौगोलिक स्थिति, अंदरूनी शांती और किसी भी सैन्य गुट का हिस्सा नहीं होने की वजह से सुरक्षित रहेंगे। आइए इन देशों के बारे में जानते है।

अंटार्कटिका

अंटार्कटिका दुनिया में सबसे दक्षिण में है जो इसे परमाणु युद्ध के समय सबसे सुरक्षित जगहों में से एक बनाता है क्योंकि परमाणु शक्तियों से बहुत दूर है। इसका 1 करोड़ 40 लाख वर्ग किलोमीटर का बड़ा इलाका छिपने के लिए काफी जगह देता है। हालांकि यहां का बहुत अधिक ठंडा और बर्फीला मौसम जीवन का काफी कठिन बना सकता है।

आइसलैंड

आइसलैंड लगातार दुनिया के सबसे शांतिपूर्ण देशों में से एक रहा है, और इसने कभी भी बड़े पैमाने पर युद्ध में भाग नहीं लिया है। यह दुनिया के बाकी हिस्सों और खासकर यूरोप से काफी दूर भी है। इसलिए, यहां पारंपरिक युद्ध का खतरा कम रहता है। हां, अगर कहीं परमाणु हमला होता है, तो उसका थोड़ा-बहुत असर यहां भी पड़ सकता है, लेकिन यह बहुत कम होगा।

न्यूज़ीलैंड

न्यूजीलैंड ग्लोबल पीस इंडेक्स में दूसरे स्थान पर है और एक तटस्थ देश है। यह अपने पहाड़ी इलाकों के कारण प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करता है। पश्चिमी देशों और रूस के बीच किसी भी संघर्ष में न्यूजीलैंड पर हमला होने की संभावना काफी कम है, हालांकि उसने यूक्रेन को वित्तीय सहायता दी है।

स्विट्ज़रलैंड

स्विट्ज़रलैंड अपनी तटस्थता के लिए जाना जाता है, खासकर दूसरे विश्व युद्ध के समय। यह पहाड़ों और परमाणु बंकरों से सुरक्षित है। इसकी अपनी नीति, जो किसी का पक्ष नहीं लेती, ने इसे दुश्मनों से बचाए रखा है। इसी कारण इसने यूक्रेन को कोई सैन्य मदद नहीं दी है।

ग्रीनलैंड

दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप होने के बावजूद, ग्रीनलैंड बहुत दूर है और किसी भी देश का पक्ष नहीं लेता है। इसी वजह से कोई उस पर हमला करने के बारे में नहीं सोचेगा। वहां सिर्फ़ 56,000 लोग रहते हैं, इसलिए भी किसी बड़े झगड़े में उसका शामिल होना बहुत मुश्किल है।

इंडोनेशिया

इंडोनेशिया अपनी स्वतंत्र और सक्रिय विदेश नीति के लिए जाना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह किसी भी वैश्विक शक्ति गुट के साथ खुद को नहीं जोड़ता है। इंडोनेशिया का मानना है कि उसे अपने भू-राजनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए, बिना किसी बाहरी दबाव के अपने निर्णय लेने चाहिए। यह नीति उसे वैश्विक संघर्षों से दूर रखने में मदद करती है, क्योंकि वह किसी भी विवाद में सीधे तौर पर शामिल नहीं होता। इसके बजाय, इंडोनेशिया संवाद और सहयोग के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय समस्याओं को हल करने पर जोर देता है, जिससे उसकी तटस्थता बनी रहती है और उसे दुनिया में एक शांतिप्रिय राष्ट्र के रूप में देखा जाता है।

तुवालू

तुवालु एक बहुत छोटा द्वीप देश है और यहां की आबादी सिर्फ 11,000 हैं। यहां सड़कें और बिजली की भी सीमित सुविधाएं है और संसाधनों की भी कमी है। इसलिए यह किसी के लिए भी अच्छा निशाना नहीं है। हवाई और ऑस्ट्रेलिया के बीच इसका स्थान इसे भौगोलिक रूप से अलग-थलग रखता है, यानी यह दुनिया के बाकी हिस्सों से काफी दूर है।

अर्जेंटीना

अर्जेंटीना गेहूं जैसी फसलों से समृद्ध है और यही कारण इसे परमाणु हमलों से बचा सकता है क्योंकि इसके पास वैश्विक अकाल की स्थिति में भी पर्याप्त खाद्य आपूर्ति होगी। इस देश का संघर्षों का लंबा इतिहास रहा है लेकिन इसके बावजूद अपने कृषि संसाधनों के कारण यह हमेशा सुरक्षित रहा है।

भूटान

साल 1971 में किसी भी लड़ाई में शामिल नहीं होने की घोषणा करने के बाद से अब तक भूटान अपने पहाड़ों और चारों तरफ से ज़मीन से घिरे होने की वजह से सुरक्षित रहा है। यह ऐसी जगह स्थित है जहां बाहरी दुश्मन उस पर आसानी से हमला नहीं कर सकता है।

चिली

चिली की 4,000 मील लंबी समुद्री सीमा और खूब सारे प्राकृतिक संसाधन उसे सुरक्षित और मज़बूत बनाते हैं। इसके अलावा, वहां की आधुनिक सुविधाएं और विकास उसे दक्षिण अमेरिका के सबसे तरक्की वाले देशों में से एक बनाते हैं।

फ़िजी

ऑस्ट्रेलिया से करीब 2,700 मील दूर स्थित फिजी एक बहुत ही शांतिपूर्ण जगह है। यह देश दुनिया के मुख्य हिस्सों से काफी दूर है, जो इसे बाहरी खतरों से सुरक्षित बनाता है। साथ ही इस देश की सेना पर सरकार का कोई खास ध्यान नहीं है और न ही सेना पर ज्यादा खर्चा होता है। इसके घने जंगल भी इसे एक तरह की प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करते है। यह दुनिया के सबसे शांत देशों की लिस्ट में काफी उपर आता है।

दक्षिण अफ़्रीका

दक्षिण अफ्रीका में बहुत सारी अच्छी ज़मीन, साफ पानी और नई सुविधाएं हैं जो इसे एक सुरक्षित देश बनाती है। इसके अलग-अलग संसाधन और खेती करने की क्षमता ये पक्का करती है कि मुश्किल समय में भी देश अपनी आबादी का पेट भर सकता है।

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