किसे मिली जिम्मेदारी
इस विभाग की जिम्मेदारी पूर्व सांसद विजय इंदर सिंगला को सौंपी गई है, जिन्हें AICC का प्रभारी नियुक्त किया गया है। सिंगला, जो पहले पंजाब सरकार में मंत्री रह चुके हैं, वर्तमान में AICC के संयुक्त कोषाध्यक्ष के रूप में भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उनकी नियुक्ति को पार्टी के भीतर एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जिससे संपत्ति प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी किए हैं, जिसमें सिंगला को यह जिम्मेदारी सौंपने की बात कही गई है।
क्यों लिया गया फैसला?
कांग्रेस पार्टी की संपत्तियों का दायरा काफी व्यापक माना जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में फैले इसके कार्यालय, भवन, जमीन और अन्य अचल संपत्तियां दशकों से पार्टी के संचालन का आधार रही हैं। हालांकि, इन संपत्तियों की सटीक संख्या और मूल्य को लेकर अब तक कोई आधिकारिक आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस नए विभाग के गठन से यह उम्मीद की जा रही है कि पार्टी अपनी संपत्तियों का विस्तृत ब्यौरा तैयार करेगी और उनकी वर्तमान स्थिति, उपयोगिता और रखरखाव की जांच करेगी। यह कदम न केवल पार्टी के आर्थिक प्रबंधन को मजबूत करेगा, बल्कि भविष्य में इन संपत्तियों के बेहतर उपयोग की योजना भी बना सकता है। कई राज्यों में चुनाव से पहले फैसला
यह पहल ऐसे समय में सामने आई है जब कांग्रेस पार्टी कई राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है। बिहार में इस साल और पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु व पुडुचेरी में अगले साल होने वाले चुनावों के लिए पार्टी ने अपनी रणनीति को मजबूत करने के लिए विभिन्न राज्यों के नेताओं के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं। ऐसे में संपत्ति प्रबंधन के लिए बनाया गया यह विभाग पार्टी के संसाधनों को व्यवस्थित करने और चुनावी तैयारियों के लिए धन जुटाने में भी सहायक सिद्ध हो सकता है।
विजय इंदर सिंगला के नेतृत्व में यह कमेटी अब देशभर में फैली कांग्रेस की संपत्तियों की सूची तैयार करने, उनकी वैधानिक स्थिति की जांच करने और उनके मूल्यांकन का काम शुरू करेगी। यह प्रक्रिया न केवल पार्टी के इतिहास और विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक कदम होगी, बल्कि यह भी स्पष्ट करेगी कि कांग्रेस के पास वास्तव में कितनी संपत्ति है और उसका प्रबंधन कैसे किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इस कमेटी की रिपोर्ट से पार्टी के आर्थिक ढांचे और संपत्ति प्रबंधन की स्थिति पर प्रकाश पड़ने की उम्मीद है।