मोदी के संबोधन की मुख्य बातें
- 2047 तक विकसित भारत का संकल्प
- नारीशक्ति के सशक्तिकरण पर जोर
- अर्थव्यवस्था के तीन स्तंभ: Innovation, Inclusion, Investment
- युवा सांसदों के लिए सुनहरा अवसर
विदेशी हस्तक्षेप पर बोले PM
मीडिया को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि पिछले 10 साल में ये पहला संसद सत्र है जिसमें विदेशी धरती से कोई षडयंत्र नहीं किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि हर संसद सत्र से पहले विदेश से कोई ना कोई विवाद खड़ा किया जाता है जिसे हमारे देश में हवा दी जाती है। हमेशा सत्र से पहले विदेश से कोई आग लगाने की कोशिश होती है। पहली बार सत्र से पहले कोई विदेशी चिंगारी नहीं सुलगी। “मैं आशा करता हूं कि हम देश की आशा-आकांक्षाओं के इस बजट सत्र में खरे उतरेंगे।”
देश के भविष्य के लिए बजट
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बजट सत्र के दौरान सरकार के एजेंडे की झलक दिखाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि यह बजट विकसित भारत को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। पीएम ने कहा कि बजट में ऐसी नीतियां देखने को मिलेंगी जिससे 2047 में जब देश आजादी की 100वीं वर्षगांठ मना रहा होगा तब विकसित भारत की कल्पना को साकार किया जा सके।
युवाओं पर दिया जोर
पीएम मोदी ने इस बजट सत्र में युवा सांसदों की भागीदारी के महत्व पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि युवा सांसदों को इस बजट सत्र में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए, ताकि विकसित भारत में युवाओं का दृष्टिकोण भी शामिल हो सके।
महिलाओं के हक की बात
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी धर्मों की महिलाओं को बराबर हक और सम्मान मिलना चाहिए, और इस दिशा में सरकार के निर्णय बजट सत्र में देखने को मिलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी का ये बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता को मंजूरी दे दी है, और देशभर में इस पर बहस चल रही है।