Budget Live Updates: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में भारत को “विकसित भारत” बनाने के अपने लक्ष्य को केंद्रित किया है और इस बजट को विकास को तेज़ करने का एक कदम बताया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन चुकी है, जो देश की बढ़ती आर्थिक ताकत को दर्शाता है।
गरीब (Garib) – जिनके लिए सरकार के कल्याणकारी योजनाओं का विस्तार किया जा सकता है।
युवा (Youth) – युवाओं को रोजगार और शिक्षा के अवसर देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
अन्नदाता (Annadata) – किसानों के कल्याण के लिए योजनाओं को आगे बढ़ाना।
नारी (Nari) – महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नई पहलों का ऐलान।
New Tax Slab: जानें किसे कितना देना पड़ेगा टैक्स
वित्त मंत्री ने कहा — मेरे कर प्रस्ताव व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने, स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करने और अनुपालन बोझ को कम करने की भावना से प्रेरित हैं। इन प्रस्तावों के उद्देश्यों में मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देने के साथ व्यक्तिगत आयकर सुधार, कठिनाइयों को कम करने के लिए टीडीएस और टीसीएस को युक्तिसंगत बनाना और रोजगार और निवेश को बढ़ावा देना शामिल है।
खत्म किए 7 तरह के टैरिफ
सरकार ने सीमा शुल्क संरचना को सरल और सुव्यवस्थित करने का लक्ष्य रखा है, ताकि घरेलू विनिर्माण, मूल्य संवर्धन और निर्यात को बढ़ावा मिल सके। यह युक्तिकरण जुलाई 2024 के बजट में घोषित सीमा शुल्क दर संरचना की व्यापक समीक्षा का हिस्सा है।
बजट 2025 में 2023-24 के बजट में हटाई गई सात दरों के अतिरिक्त, सात और टैरिफ दरें हटाई जाएंगी, जिससे केवल आठ टैरिफ दरें शेष रहेंगी, जिनमें एक शून्य दर भी शामिल होगी। यह कदम शुल्क उलटाव (duty inversion) को संबोधित करने और व्यापार को आसान बनाने के लिए है।
सरकार ने यह भी प्रस्तावित किया है कि एक से अधिक उपकर या अधिभार लागू नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, 82 टैरिफ लाइनों पर सामाजिक कल्याण अधिभार से छूट दी जाएगी, जिससे विशेष वस्तुओं पर टैक्स का बोझ कम होगा।
यह बदलाव व्यापार के लिए अधिक पारदर्शिता और स्थिरता लेकर आएंगे, और भारत के विनिर्माण क्षेत्र को और प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेंगे।
केंद्रीय बजट 2025-26: प्रमुख घोषणाएं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कई अहम योजनाओं और पहलों की घोषणा की, जो भारत की आर्थिक वृद्धि और विकास को गति प्रदान करेंगी। इस बजट का उद्देश्य “सबका विकास” पर आधारित है, जिसमें कृषि, एमएसएमई, निवेश, और निर्यात को प्राथमिकता दी गई है।
राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन:
मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन शुरू किया जाएगा, जिसमें छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों को कवर किया जाएगा। अगले 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब स्थापित की जाएंगी।
शिक्षा के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिसमें 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत बैंकों से ऋण सीमा बढ़ाई जाएगी और UPI से जुड़े क्रेडिट कार्ड की सीमा 30,000 रुपये की जाएगी।
गिगवर्कर्स के लिए पहचान पत्र, ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण और पीएम जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी। शहरी विकास के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का ‘शहरी चैलेंज फंड’ स्थापित किया जाएगा।
परमाणु ऊर्जा मिशन के तहत छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMR) के अनुसंधान और विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
विदेशी निवेश और कर सुधार:
बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% किया गया है।
जन विश्वास बिल 2.0 पेश किया जाएगा, जिसमें कानूनों में 100 से अधिक प्रावधानों को अपराधमुक्त किया जाएगा। आयकर रिटर्न अपडेट करने की समय सीमा 2 वर्ष से बढ़ाकर 4 वर्ष कर दी गई है।
TDS सीमा में सुधार करते हुए किराए पर TDS की सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दी गई है।
कृषि और एमएसएमई:
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना के तहत 100 जिलों में उत्पादकता बढ़ाने और फसल विविधीकरण के लिए कदम उठाए जाएंगे।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जाएगी। एमएसएमई को समर्थन देने के लिए नई ऋण योजनाएं शुरू की जाएंगी, जिसमें 5 लाख महिलाओं और अनुसूचित जाति/जनजाति के पहली बार उद्यमियों के लिए ऋण प्रदान किया जाएगा।
निवेश और निर्यात:
अटल टिंकरिंग लैब्स के तहत 50,000 लैब स्थापित की जाएंगी और भारतनेट प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलेगी। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत ट्रेडनेट (BTN) डिजिटल प्लेटफॉर्म शुरू किया जाएगा, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए दस्तावेज़ीकरण और वित्तीय समाधान प्रदान करेगा।
राजकोषीय समेकन:
वित्तीय वर्ष 2025 के लिए राजकोषीय घाटा 4.8% रहने का अनुमान है, और वित्तीय वर्ष 2026 के लिए इसे घटाकर 4.4% तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस बजट में दी गई घोषणाओं से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जो न केवल विभिन्न क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देंगे बल्कि रोजगार सृजन और निवेश को भी आकर्षित करेंगे।
बिहार के लिए बजट में घोषणाएं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपने बजट भाषण में बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। मखाना (फॉक्सनट्स), जो एक पौष्टिक आहार है, बिहार में बड़े पैमाने पर उत्पादित और उपभोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (One District One Product) योजना के तहत मखाना उत्पादकों को भारी लाभ हुआ है। इसके अलावा, मखाना रिसर्च सेंटर को राष्ट्रीय संस्थान का दर्जा दिया गया है और मखाना को GI टैग भी प्राप्त हुआ है।
मखाना बोर्ड •बिहार में नया एयर पोर्ट •पटना एयरपोर्ट का विस्तार •IIT पटना का विस्तार वेस्टर्न कोसी सिंचाई प्रोजेक्ट •नेशनल फ़ूड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट निर्मला सीतारमण के अनुसार, बजट 2025-26 में विकास को गति देने, समावेशी विकास को सुरक्षित करने, निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने, घरेलू भावनाओं को बेहतर बनाने, भारत के बढ़ते मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है।
Farmer Budget 2025: किसानों के लिए बड़ी घोषण
प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना सिंचाई को बढ़ावा देगी और 100 जिलों को कवर करेगी। यह कार्यक्रम ग्रामीण समृद्धि के निर्माण में 1.7 करोड़ किसानों की मदद करेगा और राज्यों के साथ साझेदारी में शुरू किया जाएगा। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा करना है। यह अल्पकालिक और दीर्घकालिक ऋण की उपलब्धता में सुधार करेगा।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार दालों में आत्मनिर्भरता के लिए 6 साल का मिशन शुरू करेगी और सब्जियों, फलों के लिए एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। बोर्ड अरहर, मसूर और उड़द दाल पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके अलावा, बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करना है ताकि पलायन एक विकल्प हो, न कि एक आवश्यकता। वित्त मंत्री ने कहा कि उच्च उपज वाले बीजों पर एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, कपास की उत्पादकता के लिए पांच साल का मिशन शुरू किया जाएगा।
किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को अल्पावधि ऋण की सुविधा मिलेगी, जिसके लिए ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की जाएगी। इसके अलावा, सरकार अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीपसमूह पर विशेष ध्यान देते हुए भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्रों और उच्च समुद्रों से मत्स्य पालन के सतत दोहन के लिए सक्षम ढांचा लाएगी, निर्मला सीतारमण ने कहा।