Weather Update: भारत के मौसम में विभिन्न बदलाव और प्रभाव आने वाले महीनों में महत्वपूर्ण हो सकते हैं। फरवरी 2025 के लिए मौसम विज्ञान से जुड़े पूर्वानुमान से कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई हैं, जिनसे देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम का स्वरूप स्पष्ट होता है।
उत्तर भारत के सात प्रमुख मौसम विज्ञान संबंधी उपखंडों – पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख में फरवरी 2025 के दौरान मासिक वर्षा सामान्य से नीचे (दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) का 78 प्रतिशत से कम) रहने की संभावना है।
इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में वर्षा की मात्रा सामान्य से कम होगी, जो कृषि और जल संसाधनों पर असर डाल सकती है। देश के अधिकांश हिस्सों में फरवरी 2025 के दौरान मासिक वर्षा सामान्य से नीचे (एलपीए का 81 प्रतिशत से कम) रहने की संभावना है, हालांकि पश्चिम मध्य भारत, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों में सामान्य से लेकर सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। इन क्षेत्रों में मौसम कुछ हद तक अधिक उपयुक्त हो सकता है, विशेषकर कृषि गतिविधियों के लिए।
तापमान का पूर्वानुमान
फरवरी 2025 में देश के अधिकांश हिस्सों में मासिक न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। केवल उत्तर पश्चिम भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ क्षेत्रों में यह सामान्य रह सकता है। विशेष रूप से उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में सामान्य से नीचे शीत लहर वाले दिन रहने की संभावना जताई जा रही है, जो ठंडे मौसम की स्थिति को प्रकट करता है।
वहीं, मासिक अधिकतम तापमान के संदर्भ में, देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है। इसके विपरीत, पश्चिम मध्य भारत और दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की उम्मीद है, जो मौसम के सामान्य या ठंडे रहने का संकेत है।
ला नीना और एल नीनो प्रभाव
मौसम के पैटर्न पर ला नीना और एल नीनो की स्थिति का असर भी देखा जा रहा है। वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में कमजोर ला नीना स्थितियां मौजूद हैं, जो अप्रैल 2025 तक बनी रहने की संभावना है। इसके बाद, ईएनएसओ (El Niño-Southern Oscillation) स्थितियों में संक्रमण की संभावना जताई जा रही है।
ला नीना के प्रभाव से वैज्ञानिकों को 2025 के तापमान के सामान्य से कम रहने की उम्मीद थी, लेकिन जनवरी 2025 ने इस अनुमान को चौंकाने वाले तरीके से गलत साबित किया। जनवरी 2025 अब तक का सबसे गर्म जनवरी साबित हुआ है। ईआरए5 डेटा के विश्लेषण से यह बात सामने आई कि जनवरी का औसत तापमान औद्योगिक युग (1850-1900) के मुकाबले 1.75 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
यह पहली बार है जब अल नीनो के प्रभाव के खत्म होने के बाद भी जनवरी का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। बर्कले अर्थ के जलवायु वैज्ञानिक जेक हॉसफादर के अनुसार, जनवरी 2025 अप्रत्याशित रूप से अब तक का सबसे गर्म जनवरी रहेगा, जिसने 2024 के पिछले रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है।
ला नीना के प्रभाव के कारण वैज्ञानिकों ने 2025 में तापमान के सामान्य से कम रहने का अनुमान लगाया था, लेकिन जनवरी 2025 ने इस पूर्वानुमान को अप्रत्याशित रूप से गलत साबित किया। जनवरी 2025 अब तक का सबसे गर्म जनवरी साबित हुआ। ईआरए5 डेटा के विश्लेषण से यह पता चला कि जनवरी का औसत तापमान औद्योगिक युग (1850-1900) के मुकाबले 1.75 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
अल नीनो के प्रभाव के समाप्त होने के बावजूद जनवरी का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। बर्कले अर्थ के जलवायु वैज्ञानिक जेक हॉसफादर के अनुसार, जनवरी 2025 अप्रत्याशित रूप से अब तक का सबसे गर्म जनवरी रहेगा, जिसने 2024 के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है।
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