आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?
सभी की निगाहें मोदी 3.0 कार्यकाल के शेष समय के लिए प्रमुख घोषणाओं और सरकार के दूरगामी आर्थिक मार्गदर्शन पर होंगी। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक प्रभाग की ओर से और मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया गया आर्थिक सर्वेक्षण दस्तावेज 2024-25 (अप्रैल-मार्च) की अर्थव्यवस्था और विभिन्न संकेतकों की स्थिति और अगले वित्त वर्ष के लिए कुछ दृष्टिकोण देता है। अर्थव्यवस्था सर्वेक्षण दस्तावेज शनिवार को पेश किए जाने वाले 2025-26 के वास्तविक बजट के बारे में भी जानकारी दे सकता है।
कब अस्तित्व में आया इकोनॉमिक सर्वे?
रिपोर्ट के अनुसार पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में अस्तित्व में आया था। उस समय यह बजट दस्तावेजों का हिस्सा हुआ करता था। 1960 के दशक में इसे बजट दस्तावेजों से अलग कर दिया गया था और केंद्रीय बजट से एक दिन पहले इसे पेश किया गया था।इकोनॉमिक सर्वे की पिछली थीम
इकोनॉमिक सर्वे की थीम हर साल महत्पूर्ण भूमिका निभाती है। 2022 में आर्थिक सर्वेक्षण की थीम ‘एजाइल अप्रोच’ (Agile Approach) थी। इसने कोविड-19 महामारी के झटके के लिए भारत की आर्थिक प्रतिक्रिया पर जोर दिया। इसके साथ ही 2023 में इसकी थीम ‘रिकवरी कम्प्लीट’ थी। बता दें कि 2024 में, आर्थिक सर्वेक्षण ने आर्थिक लचीलेपन पर ध्यान केंद्रित किया।
निर्मला सीतारमण बनाएंगी नया रिकॉर्ड
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लगातार सबसे अधिक केंद्रीय बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाएंगी। निर्मला सीतारमण का बतौर वित्तमंत्री यह 8वां बजट होगा, जिसमें 6 वार्षिक और दो अंतरिम बजट शामिल हैं। निर्मला सीतारमण ने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ चुकी हैं। मोरारजी देसाई ने वित्तमंत्री के रूप में 1959 और 1964 के बीच पांच वार्षिक बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था।बजट सत्र 2025 (Budget Session)
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू होगा और तय कार्यक्रम के मुताबिक 4 अप्रैल को समाप्त होगा। बजट भाषण में सरकार की राजकोषीय नीतियों, राजस्व और व्यय प्रस्तावों, कराधान सुधारों और अन्य महत्वपूर्ण घोषणाओं की रूपरेखा होगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। संसद में 14 फरवरी से अंतर-सत्र अवकाश रहेगा और संसद के दोनों सदन 10 मार्च को अपनी बैठकें फिर से शुरू करेंगे।