यूरेशिया से टकराकर बदली चाल
करीब 4 करोड़ साल पहले भारत और यूरेशियन प्लेट की टक्कर आज के मध्य एशिया के पास हुई थी। यह टक्कर ही हिमालय के जन्म का कारण बनी। पर वैज्ञानिकों की नई रिसर्च बताती है कि टक्कर के तुरंत बाद भारत की दिशा में थोड़ा मोड़ आया और इसका जिम्मेदार, यही रहस्यमय प्लूम था। जर्नल अर्थ एंड प्लेनेटरी साइंस लैटर्स में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, यह अब तक का पहला प्रत्यक्ष उदाहरण है, जिसमें किसी नॉन-मैग्मैटिक यानी कि बिना लावे वाले प्लूम को टेक्टोनिक प्लेट की दिशा बदलने से जोड़ा गया है।
सतह पर नहीं दिखा, लेकिन दबाव ने बदला भूगोल
सऊदी अरब के किंग फहद यूनिवर्सिटी के जियोफिजिसिस्ट और अध्ययन के प्रमुख लेखक सिमोन पिलिया के अनुसार, सलमा पठार की ऊंचाई और इसके नीचे दर्ज भूकंपीय गतिविधियों ने इस प्लूम की पुष्टि की। यह प्लूम सतह पर नहीं आ सका क्योंकि महाद्वीपीय प्लेटें समुद्री प्लेटों से कहीं मोटी होती हैं। इसके बावजूद इसका दबाव इतना था कि इससे पठार उभरा और भारत की दिशा बदल गई।
नई खोज, पुरानी दुनिया की नई समझ
अब तक माना जाता था कि केवल विस्फोटक ज्वालामुखीय घटनाएं ही प्लेटों को प्रभावित करती हैं, लेकिन यह रिसर्च बताती है कि अदृश्य, शांत और गहरे दबे रहस्य भी महाद्वीपों की दिशा तय कर सकते हैं। शोधकर्ताओं ने भारत की भूगर्भीय यात्रा की दोबारा गणना की और पाया कि यह बदलाव डैनी प्लूम के ‘शीयर स्ट्रेस’ की वजह से हुआ।