सवाल- क्या हिंदू ट्रस्ट में मुस्लिमों को करेंगे शामिल?
इस पर एसजी मेहता ने जवाब दिया, ‘हिंदुओं के धार्मिक ट्रस्ट या दान के मामले में कानूनन निगरानी, नियंत्रण और समन्वय एक ऐसे निकाय द्वारा होता है, जिसमें हिंदू हो सकते हैं और नहीं भी हो सकते हैं। इस पर मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना ने मेहता से स्पष्ट रूप से पूछा, “क्या आप कह रहे हैं कि अब से आप हिंदुओं के ट्रस्ट या दान का प्रबंधन करने वाले बोर्ड में मुस्लिमों को शामिल करने की अनुमति देंगे? साफ-साफ बताइए।”जवाब- प्रबंधन और धार्मिक मामले अलग-अलग
इस पर मेहता ने तर्क दिया कि संपत्ति के प्रबंधन और धार्मिक मामलों से जुड़े मामलों के बीच फर्क करना होगा। संपत्ति का प्रबंधन ऐसा काम है जिसका धर्म या संप्रदाय से कोई ताल्लुक नहीं है। बोर्ड और वक्फ परिषद यह काम कर रहे हैं।’मेहता ने यह भी कहा कि अगर गैर-मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने के प्रस्ताव पर आपत्ति स्वीकार की जाती है, तो “लॉर्डशिप इस मामले को नहीं सुन पाएंगे।”