टेरिटोरिलय आर्मी में शामिल सितारे
टेरिटोरियल आर्मी (TA) भारतीय सेना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो स्वैच्छिक नागरिकों को
सैन्य प्रशिक्षण देकर आपात स्थिति में देश की रक्षा के लिए तैयार करती है। इसमें कई मशहूर हस्तियां शामिल हैं।
महेंद्र सिंह धोनी (लेफ्टिनेंट कर्नल, टेरिटोरियल आर्मी)
> पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान एमएस धोनी को 2011 में टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी। > धोनी ने 2019 में कश्मीर में 106 टेरिटोरियल आर्मी बटालियन (पैरा) के साथ समय बिताया, जहां उन्होंने विक्टर फोर्स के साथ गश्त और अन्य सैन्य गतिविधियों में हिस्सा लिया।
> धोनी की देशभक्ति और सेना के प्रति समर्पण जगजाहिर है, लेकिन उनकी भूमिका मुख्य रूप से प्रचार और प्रेरणा तक सीमित रही है। सचिन तेंदुलकर (ग्रुप कैप्टन, भारतीय वायु सेना)
> क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को 2010 में भारतीय वायु सेना में मानद ग्रुप कैप्टन की रैंक दी गई।
> हालांकि, उनकी भूमिका भी प्रतीकात्मक रही है, और वे सेना के प्रचार और युवाओं को प्रेरित करने में सक्रिय रहे हैं। कपिल देव (लेफ्टिनेंट कर्नल, टेरिटोरियल आर्मी)
> 1983 में भारत को पहला क्रिकेट विश्व कप जिताने वाले कपिल देव को टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक प्राप्त है।
> वे टेरिटोरियल आर्मी के ब्रांड एम्बेसडर के रूप में कार्य करते हैं, हालांकि उन्होंने सक्रिय सैन्य प्रशिक्षण में हिस्सा नहीं लिया। अभिनव बिंद्रा (मानद रैंक, टेरिटोरियल आर्मी)
> ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा भी टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा हैं।
> उनकी भूमिका भी प्रेरणात्मक और प्रचारात्मक रही है। मोहनलाल (लेफ्टिनेंट कर्नल, टेरिटोरियल आर्मी)
> मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार मोहनलाल 2009 में टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल बने। > वे पहले और एकमात्र अभिनेता हैं, जिन्हें यह सम्मान मिला। मोहनलाल ने ‘कीर्ति चक्र’ और ‘कुरुक्षेत्र’ जैसी फिल्मों के बाद सेना में रुचि दिखाई और स्वेच्छा से टेरिटोरियल आर्मी में शामिल हुए।
अनुराग ठाकुर (कैप्टन, टेरिटोरियल आर्मी)
> बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर 2016 में टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट के रूप में शामिल हुए और बाद में कैप्टन के पद पर पदोन्नत हुए।
> वे पहले सांसद हैं, जिन्होंने टेरिटोरियल आर्मी में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया।
सेना और टेरिटोरियल आर्मी में अंतर
भारतीय सेना और टेरिटोरियल आर्मी दोनों ही भारत की रक्षा प्रणाली का अभिन्न हिस्सा हैं, लेकिन इनके उद्देश्य, संरचना और कार्यप्रणाली में स्पष्ट अंतर है। भारतीय सेना देश की नियमित, पूर्णकालिक सशस्त्र सेना है, जिसमें थल सेना, नौसेना और वायु सेना शामिल हैं। यह बाहरी खतरों, आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे कार्यों के लिए जिम्मेदार है, और इसके सैनिक पेशेवर, पूर्णकालिक कर्मचारी होते हैं, जो कठिन चयन प्रक्रिया और नियमित प्रशिक्षण से गुजरते हैं। दूसरी ओर, टेरिटोरियल आर्मी (TA) एक स्वैच्छिक, अंशकालिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1949 में टेरिटोरियल आर्मी एक्ट के तहत हुई थी। यह उन नागरिकों को सैन्य प्रशिक्षण देता है, जो अपने नियमित पेशे के साथ-साथ युद्ध या आपात स्थिति में सेना का समर्थन करने के लिए तैयार रहते हैं।
टेरिटोरियल आर्मी में आम लोग?
टेरिटोरियल आर्मी के सदस्य सामान्य नागरिक होते हैं, जैसे व्यवसायी, कर्मचारी या खिलाड़ी, और वे साल में कुछ समय के लिए प्रशिक्षण या ड्यूटी पर जाते हैं। जहां भारतीय सेना देश की प्राथमिक रक्षा शक्ति है, वहीं टेरिटोरियल आर्मी सहायक भूमिका निभाती है, जैसे नियमित सेना की सहायता, रसद प्रबंधन, या आपदा राहत कार्य। इस प्रकार, भारतीय सेना पूर्णकालिक और पेशेवर है, जबकि टेरिटोरियल आर्मी नागरिकों को सैन्य सेवा से जोड़ने का एक स्वैच्छिक और अंशकालिक मंच है।
सितारे लेंगे जंग में हिस्सा?
महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, अभिनव बिंद्रा जैसे सितारों को टेरिटोरियल आर्मी और भारतीय सशस्त्र बलों में मानद रैंक प्राप्त हैं, लेकिन युद्ध में उनकी सक्रिय भागीदारी की संभावना बेहद कम है। इन सितारों को दी गई मानद रैंक, जैसे धोनी का लेफ्टिनेंट कर्नल या तेंदुलकर का ग्रुप कैप्टन, मुख्य रूप से प्रतीकात्मक और प्रचारात्मक उद्देश्यों के लिए हैं, जिनका लक्ष्य युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करना और सैन्य बलों की छवि को मजबूत करना है। टेरिटोरियल आर्मी के स्वयंसेवकों को आपात स्थिति में बुलाया जा सकता है, लेकिन धोनी (43 वर्ष) और तेंदुलकर (51 वर्ष) जैसे सितारों की उम्र, सार्वजनिक प्रोफाइल, और सीमित सैन्य प्रशिक्षण को देखते हुए, उन्हें युद्ध के मैदान में लड़ाकू भूमिका में तैनात करना अव्यवहारिक है।
युद्ध पर जाने की कम संभावना
इसके बजाय, युद्ध की स्थिति में ये सितारे प्रचार, सैनिकों का मनोबल बढ़ाने, या गैर-लड़ाकू सहायक भूमिकाओं में योगदान दे सकते हैं। उदाहरण के लिए, धोनी ने 2019 में कश्मीर में टेरिटोरियल आर्मी के साथ गश्त जैसी गतिविधियों में हिस्सा लिया था, लेकिन यह प्रेरणात्मक था, न कि युद्ध प्रशिक्षण। इस तरह, ये सितारे देशभक्ति और सेना के प्रति समर्पण का प्रतीक तो हैं, लेकिन युद्ध में उनकी सीधी भागीदारी की संभावना नहीं है।