रिपोर्ट में बताया गया कि भारत अब दुनिया का पांचवां सबसे प्रदूषित देश है, जबकि 2023 में यह तीसरे स्थान पर था। पिछले साल भारत में पीएम 2.5 का औसत स्तर 50.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। यह 2023 के 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से 7% कम है। भारत के 35त्न शहरों में पीएम 2.5 का स्तर डब्ल्यूएचओ की सीमा से 10 गुना ज्यादा पाया गया। देश के 13 सबसे प्रदूषित शहरों में असम और पंजाब का एक-एक, दिल्ली और हरियाणा के दो-दो, राजस्थान के तीन और उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा चार शहर शामिल हैं। आइक्यूएयर की नई सूची में चाड सबसे प्रदूषित देश है, जबकि बांग्लादेश और पाकिस्तान क्रमश: दूसरे-तीसरे नंबर पर हैं। डब्ल्यूएचओ की पूर्व वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन का कहना है कि भारत ने वायु गुणवत्ता डेटा जुटाने में प्रगति की है, लेकिन और ठोस कार्रवाई की जरूरत है।
देश के 13 सबसे प्रदूषित शहर 1. बर्नीहाट (असम) 2. दिल्ली (राजधानी) 3. मुल्लांपुर (पंजाब) 4. फरीदाबाद (हरियाणा) 5. लोनी (उत्तर प्रदेश) 6. नई दिल्ली 7. गुरुग्राम (हरियाणा)
8. श्रीगंगानगर (राजस्थान) 9. ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) 10. भिवाड़ी (राजस्थान) 11. मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) 12. हनुमानगढ़ (राजस्थान) 13. नोएडा (उत्तर प्रदेश) प्रदूषण से सेहत को खतरा बढ़ा
पीएम 2.5 के अत्यधिक स्तर से सांस संबंधी बीमारियां, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ स्टडी के मुताबिक 2009 से 2019 के बीच हर साल भारत में करीब 15 लाख मौतें लंबी समय तक पीएम 2.5 प्रदूषण के संपर्क में रहने से हुईं। वायु प्रदूषण के कारण भारत में औसत जीवन प्रत्याशा 5.2 साल घट रही है।