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नई दिल्ली

400 हादसे, 9 हजार की मौत, ‘उड़ते ताबूत’ साबित हुए बोइंग विमान

-बोइंग विमानों की सेफ्टी पर सवाल उठाने वाले दो इंजीनियरों की हो चुकी है संदिग्ध मौत, कई को कंपनी ने नौकरी से निकाला
-अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन को एक साल में मिलीं 120 शिकायतें, कंपनी के इंजीनियर की गुहार- दुनिया भर में उड़ान से रोक दें बोइंग के विमान

नई दिल्लीJun 14, 2025 / 05:01 pm

Navneet Mishra

Air India

प्रतीकात्मक फोटो

नवनीत मिश्र

नई दिल्ली। अहमदाबाद से लंदन जाते समय एयर इंडिया का जो 787 ड्रीमलाइनर विमान क्रैश हुआ, उसे बनाने वाली बोइंग कंपनी फिर सवालों के घेरे में है। बोइंग के सभी मॉडल के विमानों की सेफ्टी को लेकर पिछले एक साल में मिलीं 120 शिकायतों पर अमेरिका का फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन(एएए) जांच कर रहा है। चौंकाने वाली बात है कि इसमें ज्यादातर शिकायतें कंपनी में कई वर्षों तक कार्य करने वाले इंजीनियरों ने की हैं। कुछ इंजीनियरों को सवाल उठाने पर नौकरी गंवानी पड़ी तो दो की संदिग्ध मौत की खबरें सामने आईं। दुनिया की 577 एयरलाइंस बोइंग कंपनी के 9,600 विमानों की उड़ान संचालित करती हैं। कंपनी के इंजीनियर सैम सलेहपोर ने अमेरिकी एजेंसी को शिकायत कर कह चुके हैं कि जांच पूरी होने तक बोइंग के सारे विमानों को उड़ान से रोक देना चाहिए।
बोइंग विमानों की सुरक्षा के खिलाफ केस लड़ रही इंटरनेशनल लॉ फर्म विस्नर बाम के मुताबिक इस कंपनी के विमानों के साथ 415 बड़ीं दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 9 हजार मौतें हुईं। एयरबस के बाद बोइंग दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है। यों तो कंपनी अपने इंजीनियरों के आरोपों को हमेशा खारिज कर विमानों के पूरी तरह सुरक्षित होने का दावा करती रही, लेकिन अहमदाबाद हादसे के बाद भरोसा डगमगा गया है।

पोल खोलने वाले दो इंजीनियरों की मौत

बोइंग कंपनी के विमानों की सेफ्टी पर सवाल उठाने वाले दो इंजीनियरों की पिछले साल 2024 में दो महीने के अंतराल पर मौत होने की खबर सुर्खियों में रही थी। कंपनी के इंजीनियर जॉन बार्नेट ने 2017 में 787 विमानों की ऑक्सीजन प्रणाली और हाइड्रोलिक ट्यूब में खामियों का खुलासा किया तो उन्हें प्रताड़ना झेलनी पड़ीं। मार्च, 2024 में संदिग्ध स्थितियों में गोली लगने से उनकी मौत हो गई। इसे आत्महत्या बताया गया। दो महीने बाद ही मई 2024 में बोइंग के एक और व्हिसिलब्लोअर जोशुआ डीन की भी मौत की खबर आई। डीन ने बोइंग 737 मैक्स की मैन्युफैक्चरिंग में खामियां बताईं थीं। 2023 में नौकरी से निकाल जाने पर डीन ने अमेरिका के श्रम विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी कि सुरक्षा संबंधी चिंताओं को उठाने के कारण उन्हें कंपनी ने बर्खास्त किया। दो अन्य व्हिसिलब्लोअर रिचर्ड कुएवास और विंस वेल्डन नामक इंजीनियरों को भी विमान में खामियां निकालने पर नौकरी गंवानी पड़ी।

अमेरिका की एजेंसी कर रही जांच

बोइंग में 10 साल से अधिक समय से क्वालिटी इंजीनियर रहे सैम सलेहपोर ने पिछले साल फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेटर(एफएडी) से की शिकायत में कहा था कि कंपनी ने 787 और 777 विमानों के निर्माण के दौरान गड़बड़ियां कीं। पुर्जों को फिट करने में गैप छोड़ा, गलत ड्रिल से विमान में जरूरत से ज्यादा बड़े सुराख हैं। जिससे विमानों की सेफ्टी प्रभावित हुई। न्होंने दुनिया में बोइंग के सभी विमानों को जांच पूरी होने तक उड़ान से रोकने की मांग की।

कंपनी पर लग चुका है आपराधिक जुर्माना

2018 और 2019 में दो बड़े विमान हादसे में 346 लोगों की मौत के बाद बोइंग कंपनी ने यू.एस. फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन को 2.5 बिलियन डॉलर से अधिक का भुगतान किया। इसमें 243.6 मिलियन डॉलर का आपराधिक जुर्माना शामिल था।

दुर्घटनाओं के लिए माफी मांग चुका है बोइंग

बोइंग दुर्घटनाओं के लिए माफी मांग चुका है। कंपनी के पूर्व सीईओ डेनिस मुइलेनबर्ग स्वीकार कर चुके हैं कि 2018 और 2019 में बोइंग 737 मैक्स विमानों में लगे स्वचालित उड़ान नियंत्रण प्रणाली में खामियों के कारण हादसे हुए।

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