गृहमंत्रालय ने कहा कि जनगणना का आयोजन 2021 मे किया जाना था और जनगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। लेकिन, देशभर में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण जनगणना का काम स्थगित करना पड़ा। कोविड-19 का असर काफी समय तक जारी रहा। कोविड ने शिक्षा समेत सभी क्षेत्रों में व्यवधान पैदा किया। जनगणना के लिए करीब 30 लाख प्रगणकों की जरूरत होती है। प्रगणक, जो कि प्राथमिक स्कूल शिक्षक होते हैं, जनगणना संचालन के लिए अहम व्यक्ति होते हैं। कोविड के बाद जनगणना का कार्य प्राथमिक शिक्षा में भारी व्यवधान पैदा करता।
गृहमंत्रालय ने कहा कि जिन देशों ने कोविड-19 के तुरंत बाद जनगणना करायी, उन्हें जनगणना के आंकड़ों की गुणवत्ता और कवरेज से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ा। सरकार ने जनगणना की प्रक्रिया तत्काल शुरू करने का निर्णय लिया है, जो जनगणना की संदर्भ तिथि अर्थात 01 मार्च, 2027 को पूरी होगी।
गृहमंत्रालय ने कहा कि जनगणना के लिए बजट कभी बाधा नहीं रहा है क्योंकि धनराशि आवंटन हमेशा सरकार से सुनिश्चित किया जाता रहा है। गृहमंत्री अमित शाह ने कई बार स्पष्ट किया है कि परिसीमन प्रक्रिया में दक्षिणी राज्यों की चिंताओं का ध्यान रखा जाएगा और उचित समय पर सभी से चर्चा होगी।