प्रवेश वर्मा ने कहा कि दिल्ली को जलभराव की समस्या से मुक्त करना केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इंजीनियरों को पहले ही सूचित कर दिया गया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पर उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कुल 335 ऐसे हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए हैं। जहां हर साल जलभराव की गंभीर समस्या होती है। इन सभी जगहों पर संबंधित इंजीनियरों को स्थानीय प्रभारी के रूप में तैनात किया गया है। अगर उनके क्षेत्र में जलभराव की स्थिति पाई जाती है तो उन्हें बिना किसी चेतावनी के निलंबित कर दिया जाएगा।
मानसून से पहले इंजीनियरों की जवाबदेही तय
विभाग ने इन इंजीनियरों को नालों की सफाई, जल निकासी व्यवस्था की निगरानी, आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें यह भी निर्देशित किया गया है कि मानसून शुरू होने से पहले सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएं। विभाग का मानना है कि यदि पहले से ही उचित तैयारी कर ली जाए तो जलभराव की समस्या को काफी हद तक रोका जा सकता है।
सात स्थान अत्यंत गंभीर श्रेणी में रखे गए
पीडब्ल्यूडी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023 में राजधानी में 308 जलभराव बिंदुओं की पहचान की गई थी। इनमें से 2024 में यह संख्या घटकर 194 रह गई है। हालांकि ट्रैफिक पुलिस द्वारा इस वर्ष प्रस्तुत किए गए डाटा के अनुसार, दिल्ली में 445 जलभराव बिंदु चिन्हित किए गए हैं। इनमें से सात को अत्यंत गंभीर श्रेणी में रखा गया है। जिनकी निगरानी सीधे चीफ इंजीनियर करेंगे। सतत निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए व्यवस्था
पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने जानकारी दी कि हर जलभराव क्षेत्र में तीन शिफ्टों में 24 घंटे पंप ऑपरेटरों की तैनाती की जाएगी। इन ऑपरेटरों के लिए अस्थायी आवास की भी व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे किसी भी समय अलर्ट रह सकें और स्थिति से त्वरित रूप से निपट सकें। इसके साथ ही, प्रत्येक ज़ोन के लिए एक प्रोजेक्ट इंजीनियर को समीक्षा अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो निगरानी कर रिपोर्ट तैयार करेगा।
मुख्यमंत्री ने दिए रणनीतिक निर्देश
इससे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उच्च स्तरीय बैठक के दौरान निर्देश दिया कि सभी नोडल अधिकारी एक सप्ताह के भीतर अपने-अपने क्षेत्रों की विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें। उन्होंने पीडब्ल्यूडी को निर्देशित किया कि शहर भर में व्यापक सर्वेक्षण किया जाए और नालों की सफाई, जल निकासी व्यवस्था की मरम्मत, पुनर्निर्माण और निगरानी व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाए। गुप्ता ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने मानसून से पहले ही युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। उनका मुख्य उद्देश्य यह है कि दिल्लीवासियों को मानसून के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। सरकार नालों की गहराई से सफाई, पंपिंग सिस्टम की जांच, पानी की निकासी में आने वाली बाधाओं को दूर करने और रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम जैसी आधुनिक व्यवस्थाओं पर काम कर रही है।