पहले जानिए अरविंद केजरीवाल ने कहा क्या?
सोमवार को कई मंचों पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक
अरविंद केजरीवाल ने कहा “भाजपा ने ऐसी हरकत की है जो दुनिया के इतिहास में कभी नहीं हुई। दिल्ली के लोगों को पीने का पानी और हरियाणा और दिल्ली से मिलता है। हरियाणा से पानी यमुना से आता है। हरियाणा का भाजपा सरकार ने यमुना से आने वाले पानी में ‘जहर’ मिलाकर भेज दिया। भला हो दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियर्स का कि उन्होंने इसे पकड़ लिया। उन्होंने इस पानी को बॉर्डर पर ही रोक दिया। यदि यह पानी दिल्ली में आ जाता और पीने के पानी में मिल जाता तो ना जाने कितने लोगों की दिल्ली में मौत हो जाती। नरसंहार हो जाता। इसमें भाजपा ने ऐसा ‘जहर’ मिलाकर भेजा है कि दिल्ली के तीन बड़े वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में इसकी सफाई नहीं हो सकती है। इसके चलते दिल्ली के 30 प्रतिशत लोगों को पानी की किल्लत का सामना पड़ रहा है।”
यमुना के पानी में बढ़े अमोनिया के स्तर को केजरीवाल ने बताया ‘जहर’
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यमुना में जिसे ‘जहर’ बताया है। वह दरअसल अमोनिया का बढ़ा हुआ लेवल है। सोमवार को केजरीवाल से पहले
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने यह बात स्पष्ट रूप से कही थी कि यमुना में अधिक अमोनिया वाला पानी भेजा जा रहा है। आतिशी ने कहा था “दिल्लीवालों का पानी बाधित करने के लिए बीजेपी की हरियाणा सरकार सभी फैक्टरियों का प्रदूषण यमुना में छोड़ रही है। बीजेपी की हरियाणा सरकार 10 दिन से DD8 ड्रेन से प्याऊ मनिहारी लोकेशन पर अमोनिया वाला प्रदूषित पानी यमुना नदी में छोड़ रही है।” ऐसे में माना जा रहा है कि इसी अमोनिया वाले पानी के लिए अरविंद केजरीवाल ने ‘जहर’ शब्द इस्तेमाल किया है।
दिल्ली जल बोर्ड ने जहर वाली बात का किया खंडन
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की सीएम आतिशी ने सोमवार को यमुना के पानी को मुद्दा बना दिया। इसके बाद दिल्ली जल बोर्ड ने अरविंद केजरीवाल के दावे को सिरे से खारिज कर दिया। इतना ही नीं, दिल्ली जल बोर्ड की सीईओ ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अरविंद केजरीवाल के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे लोगों में डर पैदा हो सकता है। इसके साथ ही जल बोर्ड ने इस मामले को एलजी के संज्ञान में लाने की बात भी कही है। दरअसल, दिल्ली जल बोर्ड ही यमुना का पानी जांच और सफाई के बाद दिल्ली में सप्लाई करता है। क्या यमुना में पहली बार बढ़ा अमोनिया का स्तर?
दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार, यमुना में अमोनिया की मात्रा हमेशा बढ़ी रहती है। कई बार यह मात्रा ज्यादा बढ़ जाती है। इससे दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता प्रभावित होने लगती है। इसके चलते पेयजल आपूर्ति बाधित होती है। जलबोर्ड की मानें तो कई बार यमुना में पांच से आठ पीपीएम अमोनिया यमुना के पानी में पाया गया है। जबकि इस समय भी यमुना के पानी में 6.5 पीपीएम अमोनिया है। यह ट्रीट के लायक पानी से छह गुना ज्यादा है। यानी कि यमुना में अमोनिया का लेवल पहली बार नहीं बढ़ा है। इसके अलावा टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल 2023 में अमोनिया का लेवल यमुना में 8 पीपीएम तक पहुंच गया था।
क्या पानी में बढ़ा अमोनिया का स्तर जान ले सकता है?
दिल्ली जलबोर्ड के अनुसार, यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से दिल्ली में पेयजल सप्लाई बाधित हो सकती है, लेकिन इससे किसी की जान जाने का खतरा नहीं होता है। दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया “हर साल सर्दियों में अक्टूबर से फरवरी के बीच यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है। दरअसल, फैक्ट्रियों का प्रदूषित पानी और सीवर बिना ट्रीट किए यमुना में गिराया जाता है और सर्दियों में नदी की धारा में बहाव कम होने के चलते इसके प्रदूषक तत्व पानी में जमा होने लगते हैं। इसी के चलते यमुना में हर साल अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है। दूसरी ओर दिल्ली में 1 पीपीएम अमोनिया तक की सफाई के लिए वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं। जबकि दूसरे सोर्स से मिले पानी में यमुना का पानी मिलाकर इन प्लांट्स में 2 से 2.5 पीपीएम तक अमोनिया साफ कर ली जाती है, लेकिन अगर अमोनिया का लेवल इससे ज्यादा हो जाता है तो वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता कम पड़ जाती है।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने बोला हमला
दिल्ली में यमुना के पानी को लेकर सियासत बढ़ गई है। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के आरोपों के बाद भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा “”हम वही बात कह रहे हैं, जो जनता कहना चाहती है…जो पानी हरियाणा से आ रहा है, उस पानी में हम नहाते हैं। अरविंद केजरीवाल को शर्म आनी चाहिए। दिल्ली को बहाने नहीं बदलाव चाहिए।”