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नई दिल्ली

मोदी सरकार के तीसरे टर्म में भी जारी हैं बड़े और कड़े फैसले

-गठबंधन के दबाव से मुक्त दिख रहा तीसरा कार्यकाल, न्यूनतम साझा कार्यक्रम नहीं बल्कि भाजपा अपने एजेंडे से ही चला रही सरकार
-भारी विरोध के बावजूद वक्फ और एक देश-एक चुनाव जैसे बिल पास कराकर सरकार ने दिखाए अपने तेवर, नीतीश और चंद्रबाबू नायडू हर फैसले में साथ

नई दिल्लीJun 10, 2025 / 05:07 pm

Navneet Mishra

PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल)।

नवनीत मिश्र

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने तीसरे कार्यकाल में भी पिछली बार की तरह बड़े और कड़े फैसले लेने का सिलसिला जारी रखा है। दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने वाली भाजपा को इस बार बहुमत चूक जाने से गठबंधन की सरकार चलाने को मजबूर होना पड़ा है, लेकिन सेहत पर असर नहीं पड़ा है। तेवर और कलेवर पिछले दो कार्यकालों जैसे ही हैं। इतिहास गवाह है कि देश में जब भी गठबंधन की सरकारें बनीं हैं, तब विवादित मसलों को किनारे कर न्यूनतम साझा कार्यक्रम से सरकारें चलीं हैं। लेकिन, मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार भाजपा के ही एजेंडे पर चल रही है। दूसरे कार्यकाल में अनुच्छेद 370, सीएए, तीन तलाक जैसे बड़े फैसलों की फेहरिश्त को तीसरे कार्यकाल में एक देश-एक चुनाव और वक्फ जैसे निर्णयों से बढ़ाया है।
मोदी सरकार 3.0 ने अपने तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिनों में 73 बड़े निर्णय कर कई दूरगामी फैसले किए। देश के बुनियादी ढांचे, कृषि, अर्थव्यवस्था, सामाजिक कल्याण और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में अहम निर्णय लिए।

नीतीश और नायडू के साथ फेविकोल गठजोड़

ऐसे समय में जब पूरी सरकार नीतीश और चंद्रबाबू नायडू की पार्टियों के सहयोग पर टिकी है, तब एक साल में किसी तरह के मतभेद की खबरें बाहर नहीं आई हैं। उल्टे, नीतीश और नायडू दोनों नेता सार्वजनिक कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते नजर आते हैं। वक्फ, एक देश-एक चुनाव जैसे फैसलों पर दोनों सहयोगी दलों ने अपने पूर्व के रुख में भी परिवर्तन करते हुए सरकार का साथ दिया है।

बड़े राजनीतिक और कानूनी फैसले

• एक राष्ट्र, एक चुनावः तीसरे कार्यकाल में सरकार ने बिल पास किया। देश भर में एक साथ चुनाव कराने की योजना पर काम चल रहा है।

• जातिगत जनगणनाः मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का निर्णय लेकर राजनीतिक विरोधियों को भी चौंका दिया। विपक्ष के औजार से उसे ही मात देने का दांव माना जा रहा है।
 • नए आपराधिक कानून: एक जुलाई 2024 से अंग्रेजों के जमाने के आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू हुए।
 • वक्फ कानूनः 1995 के वक्फ कानून में बड़े बदलाव के लिए वक्फ बोर्ड संशोधन कानून पास हुआ। इसका मकसद वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता, शक्तियों का दुरुपयोग रोकने का रहा।

राष्ट्रीय सुरक्षा

ऑपरेशन सिंदूरः पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पहली बार पीओके से भी आगे पाकिस्तान में 100 किमी घुसकर आतंकी ठिकाने ध्वस्त कर अपने कठोर इरादे जता दिए। आगे किसी भी हमले को एक्ट ऑफ वार मानकर जवाबी कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी।
नक्सलवाद की कमर टूटीः देश में पहले 39 जिले नक्सवाल से जूझ रहे थे, लेकिन तीसरे कार्यकाल में गृहमंत्रालय ने नक्सलियों का सफाया करने का निर्णय लिया। नक्सलियों के कई बड़े कमांडर मारे गए। आज सिर्फ 6 जिलों में ही नक्सलवाद बचा है।
त्रिपुरा में शांति समझौता: त्रिपुरा में 35 वर्षों से उग्रवादी समूहों के साथ चल रहा संघर्ष समाप्त हुआ। एनएलएफटी और एटीटीएफ के साथ समझौते के बाद 328 उग्रवादियों ने मुख्यधारा में वापसी की।

जनता को राहत

 • आयकर में राहत: नई कर व्यवस्था में 12 लाख तक आय करमुक्त करने का बड़ा फैसला हुआ। मानक कटौती 50,000 से बढ़ाकर 75,000 की गई।
 • एकीकृत पेंशन योजना: पुरानी और नई पेंशन को लेकर छिड़े विवाद का हल निकालते हुए सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना लांच की। 25 वर्षों की सेवा के बाद कर्मचारियों को औसत मूल वेतन के 50% पेंशन की गारंटी मिलेगी।
• बुजुर्गों को आयुष्मान कार्डः 70 साल से अधिक उम्र के सभी आय वर्ग के बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड बनाने की योजना लागू हुई। इस उम्र में प्राइवेट कंपनियों से ऊंचे रेट पर बीमा होता है, ऐसे में सरकारी योजना के दायरे में सभी को लाकर सरकार ने मानवीय पहल की है।
 • पीएम आवास योजना: शहरी क्षेत्रों में 1 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ नए घरों के निर्माण की मंजूरी दी गई।

इंफ्रास्ट्रक्चर

 •घाटी में रेल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 जून 2025 को उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक का उद्घाटन किया, जिसमें चिनाब नदी पर बना दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज शामिल है। पहली बार झेलम किनारे रेल पहुंची।
 • वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत: कटरा से श्रीनगर के बीच दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई।

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