यह होंगे फायदे माओरी समुदाय की नेता डेबी नगारेवा-पैकर के मुताबिक कानूनी पहचान से पर्वत की सुरक्षा और पारंपरिक उपयोग को बहाल करने में मदद मिलेगी। इसे किसी भी प्रकार की जबरन बिक्री से बचाया जा सकेगा। इसकी पारंपरिक माओरी मान्यताओं के अनुरूप देखभाल हो सकेगी। वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
नदी और वन को भी दिया गया ऐसा दर्जा न्यूजीलैंड प्राकृतिक संरचनाओं को कानूनी रूप से इंसान का दर्जा देने वाला पहला देश है। उसने 2014 में ‘ते उरेवेड़ा’ नाम के विशाल वन क्षेत्र को इंसान का दर्जा देते हुए इसका स्वामित्व स्थानीय तुहोए जनजाति को दे दिया था। वांगानुई नदी को भी 2017 में इंसान का दर्जा दिया गया था।