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नई दिल्ली

न्यूजीलैंड की संसद ने पहाड़ को माना माओरी समुदाय का पूर्वज, दिया गया इंसान का दर्जा

ऐतिहासिक फैसला : आम नागरिकों के समान सभी अधिकार प्राप्त होंगे

नई दिल्लीFeb 01, 2025 / 01:01 am

ANUJ SHARMA

वेलिंगटन. न्यूजीलैंड की संसद ने सर्वसम्मति से एक नए कानून के तहत माउंट तारानाकी (तारानाकी मौंगा) को इंसान का दर्जा दिया है। इस पहाड़ को न्यूजीलैंड के नागरिकों के समान सभी अधिकार प्राप्त होंगे। पर्वत को माओरी समुदाय के लोग अपना पूर्वज मानते हैं। तारानाकी 2,518 मीटर (8,261 फीट) ऊंचा निष्क्रिय ज्वालामुखी पर्वत है। यह देश का दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत है। पर्यटकों, पर्वतारोहियों और स्नो स्पोट्र्स प्रेमियों के बीच काफी लोकप्रिय है। सरकार के फैसले का मकसद न्यूजीलैंड में उपनिवेशवाद के दौरान माओरी समुदाय से इस पर्वत को छीनने की ऐतिहासिक घटना को स्वीकार करना है। इसे माओरी समुदाय को हुई क्षति की भरपाई और न्याय देने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है।
यह होंगे फायदे

माओरी समुदाय की नेता डेबी नगारेवा-पैकर के मुताबिक कानूनी पहचान से पर्वत की सुरक्षा और पारंपरिक उपयोग को बहाल करने में मदद मिलेगी। इसे किसी भी प्रकार की जबरन बिक्री से बचाया जा सकेगा। इसकी पारंपरिक माओरी मान्यताओं के अनुरूप देखभाल हो सकेगी। वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
नदी और वन को भी दिया गया ऐसा दर्जा

न्यूजीलैंड प्राकृतिक संरचनाओं को कानूनी रूप से इंसान का दर्जा देने वाला पहला देश है। उसने 2014 में ‘ते उरेवेड़ा’ नाम के विशाल वन क्षेत्र को इंसान का दर्जा देते हुए इसका स्वामित्व स्थानीय तुहोए जनजाति को दे दिया था। वांगानुई नदी को भी 2017 में इंसान का दर्जा दिया गया था।

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