इस दौरान कोर्ट में नीलम आजाद के वकील ने बताया कि उनके मुवक्किल द्वारा इस्तेमाल किया गया कैन UAPA के तहत ‘विस्फोटक’ की श्रेणी में नहीं आता। ये कैन त्योहारों के समय आम तौर पर खुले बाजार में बेचे जाते हैं। इसके बाद नीलम आजाद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि क्या कलर स्मोक स्प्रे रखना और उसका उपयोग करना UAPA (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत आतंकी गतिविधि मानी जा सकती है?
…तो फिर होली और IPL मैच भी इस कानून के दायरे में आएंगे
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद और न्यायमूर्ति हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने कहा कि अगर बाज़ार में आमतौर पर मिलने वाले स्मोक स्प्रे को UAPA के तहत अपराध माना जाए तो फिर हर होली और IPL मैच भी इस कानून के दायरे में आएंगे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि नीलम आज़ाद द्वारा इस्तेमाल किया गया स्मोक स्प्रे खतरनाक नहीं था, और इसका प्रयोग उन्होंने संसद परिसर के बाहर किया था। वहीं, सह-आरोपित मनोरंजन डी और सागर शर्मा ने संसद भवन के अंदर स्मोक स्प्रे का इस्तेमाल किया था।
29 अप्रैल को होगी मामले की अगली सुनवाई
अदालत ने अभियोजन पक्ष को निर्देश दिया है कि वह इस मुद्दे पर अगली सुनवाई में अपना पक्ष साफ-साफ रखें। अदालत यह जानना चाहती है कि क्या इस तरह के कलर स्मोक स्प्रे को लेकर UAPA की धाराएं लागू होती हैं या नहीं। इस दौरान नीलम आजाद की ओर से दायर जमानत याचिका में कहा गया है कि उन पर लगाए गए UAPA के प्रावधान लागू नहीं होते, क्योंकि उन्होंने ऐसा कोई कृत्य नहीं किया। जिसे आतंकवादी गतिविधि कहा जा सके। दिल्ली हाईकोर्ट ने नीलम आजाद की जमानत याचिका को अब 29 अप्रैल 2025 के लिए सूचीबद्ध किया है। साथ ही कहा है कि इस दिन उनकी याचिका पर सुनवाई सह आरोपी मनोरंजन डी की जमानत याचिका के साथ ही की जाएगी। इससे पहले सितंबर 2024 में ट्रायल कोर्ट ने नीलम की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उनके खिलाफ लगे आरोपों को प्रथम दृष्टया सही माना गया है और मुकदमे के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं।
संसद में कलर स्मोक स्प्रे के इस्तेमाल का क्या है मामला?
दरअसल, साल 2001 के संसद हमले की बरसी पर 13 दिसंबर 2023 को 6 आरोपियों ने संसद परिसर के अंदर और बाहर कलर स्मोक स्प्रे से पीला धुआं छोड़ा और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाए। इस दौरान दो लोग सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसभा की दर्शक दीर्घा से कूदकर चेम्बर में पहुंचे और कलर स्प्रे से धुंआ छोड़ा। इसके साथ ही बाहर दो अन्य आरोपियों ने गैस कैन से धुआं उड़ाया। इन सभी को बाद में UAPA और IPC की धाराओं के तहत दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया। हाल ही में इस मामले में दाखिल एक हलफनामे में दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि 2001 के संसद हमले की बरसी पर हुई संसद में सुरक्षा चूक की घटना कोई सामान्य विरोध-प्रदर्शन नहीं थी, बल्कि यह एक पूर्व-नियोजित साजिश का हिस्सा थी। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों का उद्देश्य नई संसद में पुराने हमले की भयावह यादों को फिर से ज़िंदा करना था।
पुलिस ने जांच के हवाले से बताया कि मुख्य आरोपी मनोरंजन और उसके सहयोगी लंबे समय से संसद पर एक गंभीर और आतंकी किस्म की कार्रवाई की योजना बना रहे थे। 13 दिसंबर 2023 को आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी लोकसभा की दर्शक दीर्घा से छलांग लगाकर चैंबर में पहुंचे और पीले रंग का धुंआ छोड़ते हुए जोरदार नारेबाजी करने लगे। इसी समय संसद भवन के बाहर आरोपी नीलम आजाद और अमोल शिंदे ने भी धुंआ छोड़ने वाले स्मोक कैन का इस्तेमाल कर सरकार विरोधी नारे लगाए।
गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) क्या है?
गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) एक भारतीय कानून है। जिसका उद्देश्य भारत में गैरकानूनी गतिविधियों के संघों की रोकथाम करना है। यह कानून भारत में 30 दिसंबर 1967 को लागू किया गया था। हालांकि साल 2019 में संसद ने UAPA में संशोधन किया। इसके बाद केंद्र सरकार को किसी व्यक्ति को ‘आतंकवादी’ घोषित करने की शक्ति मिली। UAPA का मुख्य उद्देश्य अलगाववादी गतिविधियों, आतंकवादी कृत्यों और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को रोकना है। जो भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालती हैं।