इसके अलावा सदर बाजार पुरानी दिल्ली का एक बड़ा थोक बाजार है। सदर बाजार विधानसभा सीट का मुख्य मुद्दा बाजार में अतिक्रमण का है। यहां रोजाना लगभग 300 करोड़ रुपये का कारोबार होता है, लेकिन बाजार में आवागमन को लेकर काफी मशक्कत करनी पड़ती है। सदर बाजार एशिया और भारत का सबसे बड़ा थोक बाजार है। यह विधानसभा सीट साल 1993 में अस्तित्व में आई थी। साल 1993 में पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में यहां भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर में भाजपा प्रत्याशी हरि कृष्ण ने कांग्रेस प्रत्याशी हरचरण सिंह जोशी को 1339 वोटों से चुनाव हरा दिया। हरि कृष्ण को हरि कृष्ण को 27,125 वोट मिले। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी हरचरण सिंह जोशी को 25,786 वोट प्राप्त हुए थे।
लगातार तीन बार कांग्रेस के कब्जे में रही सीट
दिल्ली की सदर बाजार विधानसभा सीट पर साल 1993 में मिली जीत को भाजपा कायम नहीं रख सकी। साल 1998 में यह सीट कांग्रेस के पास चली गई।
कांग्रेस के राजेश जैन यहां से विधायक चुने गए। इसके बाद साल 2003 में भी कांग्रेस विधायक राजेश जैन ने एक बार फिर सदर बाजार विधानसभा सीट पर भाजपा को 18,079 वोटों से पटखनी दे दी। साथ ही साल 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सदर बाजार विधानसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाई और एक बार फिर यहां से राजेश जैन विधायक चुने गए। साल 2008 में राजेश जैन ने भाजपा के जय प्रकाश को 14,089 वोट से चुनाव हराया। खास बात ये रही कि इस सीट पर साल 2008 में 13 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। यहां बसपा के राजेश कुमार प्रजापति 5004 वोट के साथ तीसरे नंबर के प्रत्याशी रहे, लेकिन अन्य उम्मीदवारों को हजार वोट भी नहीं मिले।
साल 2013 में आम आदमी पार्टी ने बदला इतिहास
साल 2013 तक दिल्ली में मजबूती के साथ खड़ी कांग्रेस अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी के सामने नहीं ठहर सकी। भाजपा-कांग्रेस के साथ चुनावी मैदान में
आम आदमी पार्टी ने सदर बाजार विधानसभा सीट पर पहली जीत दर्ज की। इसमें खास बात ये रही कि लगातार तीन चुनावों में मजबूत जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस इस बार तीसरे नंबर पर जा पहुंची। आम आदमी पार्टी और भाजपा की कड़ी टक्कर में ‘आप’ के सोम दत्त ने मात्र 796 वोटों से चुनाव जीत लिया। आप उम्मीदवार सोमदत्त को 34,079 वोट मिले थे। जबकि भाजपा उम्मीदवार 33,283 वोट प्राप्त हुए। वहीं लगातार तीन चुनाव जीत चुके कांग्रेस के राजेश जैन को 31,094 वोट मिले। इस दौरान दिल्ली में कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी ने सरकार बनाई, लेकिन लोकपाल विधेयक को लेकर हुए विवाद में अरविंद केजरीवाल ने सरकार गठन के 49 दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया।
साल 2015 में क्या रहा सदर बाजार का चुनावी परिणाम?
साल 2013 में अरविंद केजरीवाल के सीएम पद से इस्तीफा देने के चलते साल 2015 में फिर से दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए। इसमें अरविंद केजरीवाल ने 70 में से 67 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी की। साल 2015 में सदर बाजार विधानसभा सीट से एक बार फिर सोम गुप्ता ने जीत दर्ज की। आप ने भाजपा के परवीन कुमार जैन को 34,315 वोटों से चुनाव हराया। इस दौरान आप उम्मीदवार को 67,507 और भाजपा के परवीन कुमार जैन को 33,192 वोट मिले। जबकि कांग्रेस के अजय माकन को 16,331 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर 28.8% था।
साल 2020 में सोम गुप्ता ने लगाई हैट्रिक
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में सदर बाजार विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी के सोम गुप्ता ने जीत की हैट्रिक लगाई। उन्होंने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज करते हुए भाजपा जयप्रकाश को 25,644 वोटों से चुनाव में शिकस्त दी। साल 2020 में आम आदमी पार्टी के सोम गुप्ता को 68,790 वोट मिले थे। जबकि भाजपा के जय प्रकाश को 43,146 वोट प्राप्त हुए थे। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सतबीर शर्मा को 9,857 वोट मिले थे। हार जीत का अंतर 20.8% था।