10वीं के सिलेबस में बदलाव 1. 10वीं के छात्र-छात्राओं के लिए एक नया नियम जोड़ा गया है। उन्हें तीन स्किल-आधारित विषय कंप्यूटर एप्लीकेशन, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में से किसी एक का चुनाव करना होगा। यानी बच्चों को कंप्यूटर से जुड़ा कोई एक कौशल सीखना होगा।
2. भाषा विषय के तौर पर अंग्रेजी या हिंदी में से किसी एक को चुनना होगा। वे इसे कक्षा 9 या 10 में पढ़ सकते हैं।3. अगर कोई छात्र गणित, साइंस, सोशल साइंस या किसी भाषा जैसे मुख्य विषय में फेल होता है तो फाइनल रिजल्ट में पास किए गए स्किल विषय या वैकल्पिक भाषा विषय के साथ इसे बदला जा सकता है। यानी किसी विषय में फेल हो जाते हैं तो भी पास होने का एक और मौका होगा।
12वीं के सिलेबल में बदलाव 1. कक्षा 12 के छात्र-छात्राओं के सिलेबस में चार नए स्किल-आधारित विषय शामिल किए गए हैं। इनमें लैंड ट्रांसपोर्टेशन एसोसिएट, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, फिजिकल एक्टिविटी ट्रेनर और डिजाइन थिंकिंग एंड इनोवेशन शामिल हैं। इससे प्रैक्टिकल और वोकेशनल स्किल्स को बढ़ावा मिलेगा।
2. गणित, सामाजिक विज्ञान, ह्यूमैनिटीज, भाषा विषय, विज्ञान, स्किल विषय, जनरल स्टडीज और हेल्थ एंड पीएचई (फिजिकल एजुकेशन) में बदलाव किए गए। ग्रेडिंग क्राइटेरिया में भी किया बदलाव सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं के लिए ग्रेडिंग क्राइटेरिया में भी बदलाव किया है। अब रिजल्ट बनाने के लिए 9-पॉइंट ग्रेडिंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा, जहां अंकों को ग्रेड में परिवर्तित किया जाएगा।
पढ़ाने का तरीका बदलेगा सीबीएसई ने स्कूलों को बोर्ड को नए सिलेबस के अनुसार विषयों को पढ़ाने के निर्देश दिए हैं। सीबीएसई का मानना है कि बदलावों से विद्यार्थियों में रटने की आदत कम होगी और चीजों को बेहतरीन तरीके से समझ सकेंगे। छात्र-छात्राओं के अध्ययन के लिए नई रणनीति अपनाई जाएंगी।
1. प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण : व्यावहारिक समस्याओं के समाधान के बारे में बताया जाएगा। 2. शोध आधारित शिक्षा : विभिन्न विषयों के शोध, विश्लेषण और प्रश्न पूछने के लिए प्रेरित किया जाएगा। 3. तकनीकी सक्षम शिक्षा : एआइ आधारित उपकरणों, डिजिटल प्लेटफार्मों और ई-लर्निंग संसाधनों के उपयोग की जानकारी दी जाएगी।
4. शिक्षण पद्धति में बदलाव : शिक्षण के लिए नई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षक लगातार अपनी पद्धतियों में बदलाव करेंगे।