scriptकांग्रेस प्रदेश प्रभारियों के लिए टास्क: ‘बूथ तक संगठन जोड़ो, चुनाव नतीजों की जवाबदेही लो’ | Task for Congress state in-charges: 'Connect the organization to the booth level, take responsibility for the election results' | Patrika News
नई दिल्ली

कांग्रेस प्रदेश प्रभारियों के लिए टास्क: ‘बूथ तक संगठन जोड़ो, चुनाव नतीजों की जवाबदेही लो’

-दल-बदल पर खरगे: असल फिसल पड़े और नकल चल पड़े से रहे दूर
-कांग्रेस के नए मुख्यालय में महासचिवों व प्रदेश प्रभारियों की बैठक
-हर जिले, ब्लॉक स्तर पर होगी जय बापू, जय भीम, जय संविधान यात्रा

नई दिल्लीFeb 20, 2025 / 10:47 am

Shadab Ahmed

शादाब अहमद

नई दिल्ली। कांग्रेस एक के बाद एक चुनाव हार से उबरने के लिए अब संगठन को मजबूत करने में पूरी ताकत के साथ जुटने जा रही है। इसके लिए पार्टी ने प्रदेश प्रभारी महासचिवों व प्रभारियों को टास्क दिया है। प्रभारियों को प्रदेश, जिले, ब्लॉक, मंडल और बूथ तक पहुंचकर संगठन खड़ा करने के साथ भविष्य के हर चुनाव की जिम्मेदारी लेनी होगी। कांग्रेस ने अपने प्रदेश प्रभारियों को पहली बार हर बूथ तक खुद जाने के निर्देश दिए हैं। वहीं दल-बदल से आने वाले नेताओं को तरजीह मिलने पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दो टूक कहा, ‘असल फिसल पड़े और नकल चल पड़े से हमें दूर रहना होगा। हमें उन समर्पित नेताओं को आगे बढ़ाना होगा, जो विपरीत माहौल में कांग्रेस की विचारधारा के लिए चट्टान की तरह खड़े हैं।’
दरअसल, कांग्रेस ने हाल में ही 11 प्रदेशों के प्रभारी बदले थे। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की अध्यक्षता में कांग्रेस के कोटला रोड स्थित नए मुख्यालय में महासचिवों व प्रदेश प्रभारियों की पहली बैठक ली। इसमें कांग्रेस संगठन को केन्द्र से लेकर बूथ तक मजबूत करने के लिए करीब सात घंटे मंथन चला। बैठक में खरगे ने साफ कहा कि प्रभारियों की जिम्मेदारी से चुनाव अलग नहीं हो सकते हैं। प्रदेश के संगठन से लेकर चुनाव जीतने-हारने की जिम्मेदारी उन्हीं की होगी। वहीं बैठक में निर्णय किया गया कि जय बापू, जय भीम, जय संविधान के तहत हर प्रदेश, जिले व ब्लॉक में संविधान बचाओ यात्रा निकाली जाएगी।

‘अमेरिका हमारा कर रहा अपमान, मोदी नहीं कर पा रहे विरोध’

खरगे ने कहा कि हमारी सरकार इस अपमान का ठीक तरीके से विरोध जताने में भी विफल रही। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के बावजूद अमेरिका पहले की ही तरह भारतीय नागरिकों को हथकड़ी लगा कर वापस भेज रहा है। शाकाहारी यात्रियों को मांसाहारी खाना दिया गया। आर्थिक मामलों में भी अमेरिका हम पर गहरी चोट कर रहा है। हम पर उलटा टैरिफï लगा दिया, पर प्रधानमंत्री ने इसका विरोध तक नहीं किया। वे हम पर जबरदस्ती घाटे का सौदा थोप रहे हैं, जिसे हमारी सरकार चुपचाप मान ले रही है। ये साफ़-साफ़ हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के लोगों का अपमान है। इन बातों के साथ देश के सामने अनगिनत चुनौतियां है। महंगाई और बेरोजग़ारी स्थायी मसला बना हुआ है। मोदी सरकार इस मामले में पूरी तरह विफल रही है।

मतदाता सूची में नाम जोडऩे-काटने पर चिंता

बैठक में मतदाता सूचियों में बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम काटने और जोडऩे पर चर्चा हुई। खरगे ने प्रभारियों को कहा कि इस तरह की धांधली को रोकने के लिए सजग रहकर काम करना होगा। इस चुनौती को लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी सवाल उठाया। इस धांधली को हर हाल में रोकना होगा।

संगठन मजबूत करने के दिए सूत्र

-संगठन को प्रदेश मुख्यालय से बूथ तक मजबूती से खड़ा करना प्रभारी की जिम्मेदारी। इस काम के लिए प्रभारी को प्रदेश राजधानी, जिला, ब्लॉक, मंडल से बूथ तक ख़ुद जाकर मेहनत करनी होगी।
-प्रभारी खुद जमीन पर उतरेंगे तो वहां भरोसेमंद और विचारों से मजबूत लोग जुड़ सकेंगे। इंटक व अन्य अग्रिम संगठनों की भूमिका भी बढ़ानी होगी।

-अगले पांच साल जनता के मुद्दों पर लगातार संघर्ष और जन आंदोलन से लोगों का भरोसा जीते। इससे ही हम लोगों की पहली पसंद बन सकते हैं

खरगे के नेताओं को परोक्ष संकेत

1. जय बापू, जय भीम, जय संविधान कार्यक्रम के तहत पदयात्रा, संवाद, नुक्कड़ सभाएं जैसी गतिविधियां की जा सकती है, लेकिन ऐसे कार्यक्रम का लक्ष्य संगठन का सशक्तिकरण हो
मायने: कांग्रेस के अधिकांश नेता खुद को प्रमोट करते रहे हैं, लेकिन संगठन पर ध्यान नहीं देते हैं। इस बात से खरगे ने समझा दिया कि नेताओं को खुद की बजाय संगठन को मजबूत करने पर जोर देना होगा।
2-सीडब्ल्यूसी की पिछली दो बैठकों में संगठन को सुधारने का निर्णय किया था। इसी कड़ी में कई फैसले हो चुके हैं और कुछ फैसले जल्द किए जाएंगे

मायने: कई प्रदेशों के प्रभारी निष्क्रिय है। महीनों में प्रभार वाले राज्य नहीं जाते हैं। ऐसे प्रभारियों को बदलने के संकेत।

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