उन्होंने कहा कि यह संविधान वाटिका लोकतांत्रिक मूल्यों का जीवंत उदाहरण है और युवाओं को यहाँ से कर्तव्य बोध और राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा मिलेगी। यहां भारत की लोकतांत्रिक यात्रा, संविधान की प्रस्तावना और विविधता में एकता की झलक मिलेगी। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना भारत के नव निर्माण की चेतना है। यहां भारत के लोकतांत्रिक विकास की यात्रा का सुंदर प्रतिबिंब मिलेगा। संविधान हमारे राष्ट्रीय चरित्र का प्रतिबिंब है। भारत के लोग लोकतंत्र को सिर्फ मानते नहीं, बल्कि जीते हैं। बिरला ने कहा कि राष्ट्र की विविधता हमारी ताकत है, और संविधान ने इस विविधता को एक माला में पिरोकर संगठित किया है।
उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया का नेतृत्व कर रहा है, आतंकवाद पर सख्त रुख और योग दिवस जैसी वैश्विक पहलें भारत की शक्ति और सांस्कृतिक नेतृत्व का प्रमाण हैं। इससे पूर्व बिरला ने मुरादाबाद में आयोजित ‘एक्सपोर्टर्स मीट 2025’ में हिस्सा लिया और स्थानीय व्यापारियों, उद्यमियों एवं हस्तशिल्पियों से संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने हस्तशिल्प निर्यात में मुरादाबाद की 40% भागीदारी की सराहना करते हुए इसे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिज़ाइन इन इंडिया’ का प्रतीक बताया।