जहरीले कचरे से भरे कंटेनरों को भोपाल से पीथमपुर तक भारी सुरक्षा के बीच ले जाएगा। इसके लिए भोपाल से पीथमपुर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। यहां कचरे को रामकी एनवायरो में जलाया जाएगा।
बता दें कि रविवार को एक्सपर्ट की मौजूदगी में कचरे को 12 कंटेनर में भरने की प्रोसेस शुरू हुई थी। मंगलवार देर रात तक कचरे को भरे जाने की प्रक्रिया चलती रही। इस दौरान कैम्पस के 200 मीटर के दायरे को सील कर दिया है। अंदर जाने के सभी रास्ते बंद किए गए हैं। 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में लगे हैं।
जहरीले कचरे को कंटेनर में भरने के दौरान बड़ी सावधानी बरती जा रही है। इसके लिए सभी जरूरी गाइडलाइन फॉलो की जा रही है। एक कंटेनर में तकरीबन 30 टन कचरा भरा जा रहा है। 200 से ज्यादा मजदूर कचरा भरने में जुटे हैं, लेकिन उनकी 8 घंटे की बजाय 30 मिनट की शिफ्ट लगाई गई है।
जहरीला कचरा भरते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही है। कचरा जिस स्थान पर रखा है, उस इलाके की धूल भी कचरे के साथ जाएगी। कहीं कचरा गिरा है तो उस जगह की मिट्टी को भी पीथमपुर ले जाया जाएगा। इस मिट्टी और धूल की भी टेस्टींग होगी। जांचा जाएगा कि कहीं मिट्टी भी तो जहरीली नहीं हुई?