पहले प्रयास में मेंस देने के लिए प्री डिलीवरी कराई थी, इंटरव्यू तक पहुंची थी, इस बार टॉपर बनूंगी सोचा नहीं था महादेवघाट निवासी श्वेता दीवान स्टेट टॉपर रहीं। पत्रिका से बातचीत में उन्होंने बताया, यह मेरा दूसरा प्रयास था। पहले अटेम्प्ट में मैं इंटरव्यू तक पहुंची थी। मैंने यूजी कोरबा लॉ कॉलेज से किया है। तैयारियों पर कहा कि लिखने की प्रैक्टिस के बना आप परीक्षा के लिए तैयार नहीं हो सकते। मेरा 17 महीने का बेबी है। दसकी देखरेख के साथ परीक्षा की तैयारी की। परिवार के सहयोग के चलते मैं यह उपलब्धि हासिल की है। पहले प्रयास में मेंस के संस्मरण सुनाते हुए कहा, २७ जून को मेंस देना था। मेरी डिलीवरी डेट इसी के आसपास थी। मुझे डर था कि इससे परीक्षा पर असर न हो। इसलिए हमने १६ जून को प्री डिलीवरी कराई। इंटरव्यू के संबंध में श्वेता ने बताया, जीके और लॉ से जुड़े सवाल पूछे गए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजमेंट और कोलकाता रेप केस से जुड़े कुछ प्रश्न थे। पिता सतीश कुमार तिवारी रिटायर्ड अधिकारी हैं, मां करुणा तिवारी गृहिणी। पति सुयशधर दीवान पंडरिया में फॉरेस्ट एसडीओ है। उनका और सास-ससुर का भरपूर सपोर्ट रहा। टॉपर बनूंगी यह तो सोचा नहीं था लेकिन टॉप टेन में खुद का नाम देखना मेरा सपना था, हालांकि सेलेक्शन होना प्राइमरी सोच थी।
इंटरव्यू में डिजिटल अरेस्ट और सेक्सटॉर्शन पर सवाल अभनुपर निवासी निखिल साहू को तीसरे क्रम पर हैं। उन्होंने गुरुघासीदास यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की है। वे बताते हैं, यह मेरा दूसरा प्रयास था। पहले अटेम्प्ट में मैंने मेंस दिया था लेकिन पर्याप्त समय नहीं दे पाया था। इस बार भरपूर समय देते हुए फुल प्रैक्टिस की। सिविल और क्रिमिनल के रोज जजमेंट लिखे। एग्जाम के पैटर्न को फॉलो करते हुए प्रतिदिन अभ्यास किया । इंटरव्यू पर मुझमें डिजिटल अरेस्ट और सेक्सटॉर्शनपर सवाल पूछे गए। मैंने पीजीडीसीए किया है इसलिए हैकिंग और डॉक्टर्स के प्रोटक्शन संबंधित प्रश्न किए गए। पापा भगवान सिंह साहू रिटायर्ड लेक्चरर हैं और मम्मी हेमलता साहू टीचर हैं। मेरी फैमिली में दूर दूर तक कोई कोई भी लॉ क्षेत्र से नहीं है।
एंकल लिंगामेंट में थी चोट, पेनकिलर खाकर दिया था इंटरव्यू पंडरी टॉप 5 में शामिल आयुषि शुक्ला ने बताया, यह मेरा दूसरा अटेम्पट था। पहले प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंची थी। प्री के लिए मैंने पिछले पेपर की लगातार तैयारी की। मेंस के लिए रेगुलरली पढऩा पड़ता है। तीन घंटे के पेपर की तैयारी ऐसी हो कि आप रोज एक एग्जाम दे रहे हों। पढऩे के साथ ही लिखना मायने रखता है। इसलिए मैं रोजाना एक पेपर सॉल्व करती थी, ताकि टाइमिंग की भी प्रैक्टिस होती रहे। इसके अलावा दो जजमेंट और ट्रांसलेट रोजाना पढ़ा करती थी। पिता सुशील शुक्ला सिविल कॉन्ट्रेक्टर हैं और मां रानी शुक्ला मिनिस्ट्रियल सब इस्पेक्टर। इंटरव्यू में मुझसे वन नेशन वन इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन का नाम पूछा गया। इसके अलावा वक्फ अमेंनमेंट कमेटी के चेयरमैन का नाम पूछा गया। आयुषि ने बताया कि टॉप 5 में आना मेरे लिए किसी सरप्राइज से कम नहीं था। इंटरव्यू से पहले एंकललिगामेंट में मोच आ गई थी। दिवाली की सफाई के दौरान स्टूल से गिर गई थी। इंटरव्यू देने मैं पेनकिलर खाकर गई थी। अपनी समस्या के बारे में बोर्ड मेंबर को पता नहीं लगने दिया था। 20 दिन के बेड रेस्ट के दौरान मैंने इंटरव्यू की तैयारी अच्छे से कर ली थी।
चाणक्या लॉ एकेडमी से 35 बने जज क्या लॉ एकेडमी के मेंटोर नितिन नामदेव ने बताया, अब तक हमारे संस्थान से पढ़ाई कर 6 अभ्यर्थी टॉप 1 में आए हैं। इस साल श्वेता के अलावा संस्था से द्वितीय महिमा शर्मा, तृतीय निखिल साहू, 5वें स्थान पर आयुशी शुक्ला, 8वें पर आरती ध्रुव, 11वें पर शारदा शर्मा, 13वें पर आदित्य जैन, 15वें पर मनीषा दुशयानी, 16वें पर क्षिजिज नवरंग, 18वें पर हिमांशु पाण्डा, 20वें पर सूरज राना, 22वें पर हिमांशु चन्द्राकर, 24वें पर सुमीत कुमार नायक, 25वें पर पूजा पटेल, 28वें पर आयुस ताम्रकार, 29वें पर तुषार बारिक, 30वें पर भूमिका ध्रुव, 31वें पर पूनम नशीने, 33वें पर अतनू प्रसाद, 34वें पर नोएल पन्ना, 35वें पर श्रेया तुलावी, 36वें पर हरीश कुमार सलामे, 37वें पर निशी बरा, 38वें पर सुमिता रानी, 39वें पर नेहा तिरके, 40वें पर मयंक ध्रुव, 41वें पर जितेन्द्र कुमार सोनवानी, 42वें स्थान पर सलमा लकरा, 43वें स्थान पर रिया गनवीर, 44वें पर वंदना मंडावी, 45वें पर रीमा लकरा, 46वें पर सजल जैन, 47वें पर सीमा नेताम, 48वें पर चन्द्र किरण मनकर, 49वें पर जागृति ध्रुव रहीं।