scriptकोर्ट कुछ मामलों में कर सकती हैं मध्यस्थता अवॉर्ड में बदलाव | Court can change arbitration decisions in some cases | Patrika News
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कोर्ट कुछ मामलों में कर सकती हैं मध्यस्थता अवॉर्ड में बदलाव

सुप्रीम कोर्ट का 4:1 फैसलाः जस्टिस के.वी. विश्वनाथन ने जताई असहमति नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने बुधवार को फैसला सुनाया कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 34 और 37 के तहत मध्यस्थता अवॉर्ड को संशोधित करने की अदालतों की शक्ति सीमित है और इसका प्रयोग केवल कुछ […]

जयपुरMay 02, 2025 / 12:08 am

Nitin Kumar

सुप्रीम कोर्ट का 4:1 फैसलाः जस्टिस के.वी. विश्वनाथन ने जताई असहमति

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने बुधवार को फैसला सुनाया कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की धारा 34 और 37 के तहत मध्यस्थता अवॉर्ड को संशोधित करने की अदालतों की शक्ति सीमित है और इसका प्रयोग केवल कुछ निश्चित परिस्थितियों में ही किया जा सकता है। सीजेआइ संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई, पीवी संजय कुमार, केवी विश्वनाथन और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि मध्यस्थ अवार्डों को संशोधित करने की सीमित शक्ति का प्रयोग अवार्ड अलग करने योग्य हो उस स्थिति में, मुद्रण या लिपिकीय त्रुटियों को सुधारने के लिए, अवार्ड के बाद कुछ परिस्थितियों में ब्याज को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा संविधान के अनुच्छेद 142 का उपयोग सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने समक्ष किसी मामले में पूर्ण न्याय करने के लिए अवार्ड को संशोधित करने के लिए किया जा सकता है, हालांकि इसका प्रयोग सावधानी के साथ किया जाना चाहिए।
जस्टिस विश्वनाथन ने कुछ मुद्दों पर बहुमत से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थ अवार्ड को संशोधित करने के लिए अनुच्छेद 142 का उपयोग नहीं कर सकता है और न्यायालय अवार्ड के बाद ब्याज को संशोधित नहीं कर सकते हैं क्योंकि यह मूल पहलू को प्रभावित करेगा। ऐसा करने के लिए मामले को मध्यस्थ के पास वापस भेजा जाना चाहिए।
सीजेआइ संजीव खन्ना की अगुवाई वाली एक बेंच ने पिछले निर्णयों में विसंगतियों को स्वीकार करने के बाद इस मुद्दे को जनवरी में पांच जजों की संविधान पीठ को भेज दिया था।

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