scriptहरियाणा से पानी की लड़ाई में भगवंत मान ने उतार दी पुलिस, जानिए क्यों बढ़ा झगड़ा | Bhagwant Mann deployed police in water fight with Haryana, know why fight escalated | Patrika News
राष्ट्रीय

हरियाणा से पानी की लड़ाई में भगवंत मान ने उतार दी पुलिस, जानिए क्यों बढ़ा झगड़ा

Haryana Punjab Water Dispute: पंजाब और हरियाणा के बीच इन दिनों पानी को लेकर जंग छिड़ी हुई है। पंजाब सरकार ने नांगल में भाखड़ा बांध के चारों ओर पुलिस की घेराबंदी कर दी है।

भारतMay 02, 2025 / 11:18 am

Shaitan Prajapat

Political War Over Water: पंजाब और हरियाणा के बीच पानी बंटवारे को लेकर बढ़ते तनाव ने गुरुवार को एक गंभीर अंतर-राज्यीय विवाद का रूप ले लिया, जब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नंगल डैम की सुरक्षा के लिए पुलिस की तैनाती का आदेश दिया ताकि हरियाणा को पानी छोड़े जाने से रोका जा सके। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पंजाब के हक की किसी भी “डकैती” को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह विवाद 28 अप्रैल को शुरू हुआ, जब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भाखड़ा डैम से 8,500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी की मांग की थी। यह मांग पीने और सिंचाई के लिए की गई थी। इस पर मुख्यमंत्री मान ने तीखी प्रतिक्रिया दी।

आधी रात को छोड़ा गया पानी

मामला तब और गंभीर हो गया जब भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) — जो कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अधीन है और भाखड़ा, पोंग और रंजीत सागर डैम से पानी वितरण को नियंत्रित करता है — ने बुधवार शाम हरियाणा को पानी छोड़े जाने का फैसला किया। जानकारी के अनुसार, भाखड़ा डैम से पानी रात 12:30 बजे छोड़ा गया, लेकिन पंजाब के अधिकारियों ने इसे नंगल डैम (जो भाखड़ा से 13 किमी नीचे स्थित है) पर दोपहर 3:30 बजे रोक दिया। पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी। नंगल डैम बीबीएमबी के नियंत्रण में है।

केंद्र की दखलअंदाजी

गुरुवार को केंद्र सरकार ने इस मामले में सक्रिय हस्तक्षेप करते हुए पंजाब और हरियाणा के बीच के इस जल विवाद को सुलझाने की पहल की है। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने बीबीएमबी के चार साझेदार राज्यों — पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान — के मुख्य सचिवों की 2 मई को दिल्ली में बैठक बुलाई है।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान तीनों ही राज्य भाखड़ा और पोंग डैम से अपनी जल आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री मान ने रूपनगर जिले के नंगल डैम का दौरा किया, जहां राज्य मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने आम आदमी पार्टी (आप) कार्यकर्ताओं के साथ धरना दिया। बैंस ने दावा किया कि उन्होंने डैम के उस कमरे को बंद कर दिया जहां से पानी का नियंत्रण होता है।

विधाानसभा का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक और 5 मई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री मान ने कहा कि उनकी सरकार अब हरियाणा को एक भी बूंद पानी नहीं देने देगी क्योंकि वह पहले ही अपना हिस्सा ले चुका है। उन्होंने कहा है कि बीबीएमबी पंजाब को कैसे आदेश दे सकता है? पंजाब की इसमें 60% हिस्सेदारी है और अंतिम निर्णय भी पंजाब का होता है। राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा पहले अपनी मांगें रखते हैं और उसके बाद पंजाब फैसला करता है।
यह भी पढ़ें

Pahalgam Terror Attack: आतंकियों ने बैसरन के अलावा इन 3 जगहों की रेकी, NIA की जांच में चार बड़े खुलासे


मान ने लगाया गुंडागर्दी और तानाशाही का अरोप

मान ने बीजेपी शासित राज्यों हरियाणा और राजस्थान पर “गुंडागर्दी” और “तानाशाही” का आरोप लगाते हुए कहा कि वे पंजाब को दरकिनार कर पानी छीनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाखड़ा, पोंग और रंजीत सागर डैम में इस साल जलस्तर पिछले वर्ष की तुलना में कम है और पंजाब को आने वाले धान की बुवाई के लिए पानी की जरूरत है। हमारे पास खुद पानी नहीं है। इसलिए एक भी बूंद नहीं दी जाएगी।
बीबीएमबी की बैठक में पंजाब के अधिकारियों ने हरियाणा को अधिक पानी देने का विरोध किया, लेकिन बोर्ड ने इन आपत्तियों को खारिज करते हुए पानी छोड़े जाने का आदेश दे दिया।

विवादित मुद्दे पर एक नजर

पंजाब और हरियाणा की सरकारें भाखड़ा नहर से गर्मियों के चरम सीजन से पहले पानी छोड़े जाने को लेकर टकराव में हैं। आइए इस मुद्दे पर एक नजर डालते हैं।
1966 में हरियाणा को पंजाब से अलग कर एक स्वतंत्र राज्य बनाया गया, जिससे सतलुज और ब्यास नदियों के जल वितरण का मुद्दा विवादास्पद बन गया।

15 मई, 1976 को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) की स्थापना की गई ताकि भाखड़ा नंगल और ब्यास परियोजनाओं की निगरानी और सतलुज, ब्यास व रावी नदियों पर बने भाखड़ा, पोंग और रंजीत सागर बांधों से जल वितरण को नियंत्रित किया जा सके। यह जल वितरण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और नई दिल्ली के बीच होता है।

1981 का समझौता

इसमें जल आवंटन इस प्रकार किया गया

पंजाब: 4.22 मिलियन एकड़ फीट (MAF)

हरियाणा: 3.50 MAF

राजस्थान: 8.60 MAF

उस समय रावी-ब्यास नदियों में कुल अधिशेष जल 17.17 MAF था।

वर्तमान गतिरोध की उत्पत्ति

हरियाणा ने 8,500 क्यूसेक पानी की मांग की है, जबकि पंजाब ने 8,000 क्यूसेक की मांग की है। जून में यह मांग 23,000 क्यूसेक तक पहुंच सकती है।

पंजाब का पक्ष

पंजाब का कहना है कि हरियाणा ने अपने हिस्से से अधिक जल उपयोग कर लिया है — वर्तमान लेखा अवधि (22 सितंबर 2024 से 20 मई 2025) में वह 104% पानी उपयोग कर चुका है।

हरियाणा का पक्ष

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का कहना है कि यदि राज्य को उसकी मांग के अनुसार पानी दिया जाता है, तो वह भाखड़ा डैम में संग्रहित पानी का केवल 0.0001% होगा।

Hindi News / National News / हरियाणा से पानी की लड़ाई में भगवंत मान ने उतार दी पुलिस, जानिए क्यों बढ़ा झगड़ा

ट्रेंडिंग वीडियो