पोक्सो एक्ट का खुला उल्लंघन
नागरिकों ने बताया कि इलाके में खुले संदिग्ध होटल व कैफे में युवकों के साथ नाबालिग लड़कियां आती हैं। जहां कंडोम व सेक्सवद्र्धक दवा मिल रही है, वहां कैसी गतिविधियां होती होंगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि नाबालिग लड़कियों को यौन शोषण व अपराधों से बचाना किसकी जिम्मेदारी है। अभिभावकों के अलावा बाल कल्याण समिति, पुलिस व प्रशासन की भी तो जिम्मेदारी बनती है। संदिग्ध होटल व कैफे के पंजीयन, काउंटर पर रजिस्टर व सीसीटीवी कैमरे आदि होने चाहिए।घंटे के हिसाब से किराया
होटलों में कमरा दिन के हिसाब से किराए पर मिलता है। मगर गलियों में कुकुरमुतों की तरह उगे होटल व कैफे में घंटे के हिसाब से कमरा व कैबिन किराए पर मिलता है। यह बीमारी केवल हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय ही नहीं बल्कि नोहर, रावतसर सहित जिले के अन्य कस्बों में भी भयंकर रूप से फैली हुई है।इस संबंध में पुलिस प्रशासन से लेकर नागरिक संगठन और राजनीतिक दलों तक ने चुप्पी साध रखी है।
यह भी चिंता का विषय विशेष अलर्ट या अन्य कारणों से पुलिस प्रशासन होटलों व धर्मशालाओं का कई बार निरीक्षण करती है। मगर इन बरसों में यह गलियों में जो संंदिग्ध होटल व कैफे खुले हैं, इनका निरीक्षण नहीं किया जाता। यह बात अपराधी भी जानते हैं। जाहिर है कि वे बड़े होटल या धर्मशाला की बजाय ऐसी जगहों पर ही रुकेंगे।