प्रमुख ने ज्ञापन में बताया कि 25 साल पूर्व जिले की रेवदर तहसील स्तर पर आगार स्वीकृत किया था, जिसको शुरू भी कर दिया था, लेकिन वर्तमान समय में लम्बे समय से रेवदर आगार बंद पड़ा है। जिससे आवाजाही करने वाले यात्रियों को परेशानी होती है।
प्रमुख ने बताया कि रेवदर आगार का उपयोग नहीं होने से धीरे-धीरे जर्जर हो रहा है। रेवदर सिरोही जिले की अंतिम छोर की तहसील है। साथ ही रेवदर, गुजरात राज्य एवं जालोर जिले की सीमा पर स्थित है। यहां के अधिकांश व्यापारी गुजरात समेत अन्य राज्यों में जाते है, लेकिन रोडवेज की सुविधा नहीं मिलने से व्यापारियों व आमजन को आवाजाही में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्रमुख ने जनहित की समस्या व मांग को लेकर उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर रेवदर आगार को पुन: चालू करवाने की मांग की।
रेवदर आगार बंद होने के बाद शाम के समय रेवदर से जाने के लिए रोडवेज की कोई बस भी नहीं मिलती है। ऐसे में उपखंड मुख्यालय पर आने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रेवदर से आबूरोड और सिरोही जाने के लिए पहले रात्रिकालीन बसें भी चलती थी, लेकिन अब आगार बंद होने से शाम सात बजे बाद उपखंड मुख्यालय से बस सुविधा नहीं है।