यह स्थान टाइगर रिजर्व में प्रवेश करने का सीधा ओर सरल मार्ग तो है ही साथ ही प्राकृतिक एवं धार्मिक देवालयों का स्थान भी है। यहां से रामगढ़ महल भी समीप है। बारमाता मंदिर के सामने नैनवां रोड पर धुंधलेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर, दरा से होकर गुजरती मेज नदी प्रकृति प्रेमियों को सुकून देती है। क्षेत्र में दर्जनों प्राकृतिक जल स्रोत पूरे साल बहकर जानवरों की प्यास बुझा रहे है। मेज नदी भी टाइगर रिजर्व में होकर ही खटकड़ के बाद मैदानी भाग में बहती है।
उपसरपंच दीपक गोस्वामी, पूर्व उपसरपंच लोकेश बैरागी, रामेश्वर अरोड़ा, दिनेश शर्मा, हनुमान शर्मा, मनोज जैन आदि ने बताया कि ने बताया कि ग्रामीणों ओर युवाओं की मांग को लेकर पूर्व में भी वन विभाग, विधायक, सांसद आदि को ज्ञापन देकर प्रवेश द्वार की मांग की गई है। कस्बे में प्रवेश द्वार बनने की पूरी उमीद है। ग्राम पंचायत प्रशासक भवानीशंकर मीना ने बताया कि पूर्व में संबंधित विभाग ने पूरे टाइगर रिजर्व में चार प्रवेश द्वार के प्रस्ताव बनाकर स्वीकृति के लिए भेजे थे। यह पर्यटन ओर कस्बे के विकास की दृष्टि से प्रवेश द्वार जरूरी है। इसकी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से लगातार मांग कर रहे है।