तब खुशी बोली, राधे दीदी, परेशान मत हो। मुझे पैनकेक बनाना आता है। चलिए हम दोनों मिलकर पैनकेक बनाते हैं! राधे को पहले तो यकीन नहीं हुआ, पर फिर वह मुस्कुरा दी। दोनों बहनों ने हाथ धोए, आटा-पानी मिलाया, दूध डाला और गोल-गोल पैनकेक बनाए। खुशबू पूरे घर में फैल गई है। पैनकेक बनकर तैयार हुआ, तो दोनों ने प्यार से प्लेट में रखा और एक-दूसरे को खिलाया। खुशी ने कहा, दीदी, देखा! मिलकर काम करने में कितना मजा आता है। राधे बोली, हां! अब जब भी भूख लगेगी, हम खुद बना लेंगे!। उन्होंने आत्मनिर्भरता का पाठ सीख लिया था।
भाविका चौधरी,उम्र-7वर्ष
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भाविका चौधरी,उम्र-7वर्ष
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खाने में प्यार की मिठास
एक बार की बात है। दो प्यारे बच्चे थे- परी और सिद्धि। परी बड़ी बहन थी और सिद्धि छोटी। एक दिन सुबह सिद्धि भूख से बहुत परेशान थी। वह अपनी गुडिय़ा के साथ खेल रही थी, तभी परी रसोई में गई और उसने सोचा, मैं सिद्धि के लिए कुछ अच्छा बनाऊंगी। परी ने आटा लिया, पैनकेक बनाए और फिर प्यार से एक कटोरी में शहद रखा।
एक बार की बात है। दो प्यारे बच्चे थे- परी और सिद्धि। परी बड़ी बहन थी और सिद्धि छोटी। एक दिन सुबह सिद्धि भूख से बहुत परेशान थी। वह अपनी गुडिय़ा के साथ खेल रही थी, तभी परी रसोई में गई और उसने सोचा, मैं सिद्धि के लिए कुछ अच्छा बनाऊंगी। परी ने आटा लिया, पैनकेक बनाए और फिर प्यार से एक कटोरी में शहद रखा।
जब सिद्धि आई, तो परी ने मुस्कुराकर कहा, सिद्धि, ये पैनकेक तुम्हारे लिए हैं! सिद्धि ने कहा, दीदी, आपने मेरे लिए खुद बनाया? आप तो सबसे अच्छी हो! परी ने प्यार से कहा, जब हम किसी के लिए कुछ अच्छा करते हैं, तो दिल को बहुत खुशी मिलती है। प्यार और सेवा सबसे बड़ी खुशी होती है। किसी भी चीज में प्यार की मिठास होनी चाहिए। हमें एक-दूसरे का ख्याल रखना चाहिए। तभी समाज और देश के लिए कुछ करना सीख पाएंगे।
परिधि जोशी,उम्र-7 वर्ष
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परिधि जोशी,उम्र-7 वर्ष
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छोटी-छोटी खुशियां
दो बहनें थीं। एक दिन बड़ी बहन की थाली में गरमा-गरम पैनकेक था। आज का दिन दोनों के लिए खास था, क्योंकि पैनकेक दीदी ने खुद अपने हाथों से बनाए थे। दोनों बहनों के चेहरे पर मुस्कान थी। छोटी बहन ने कहा, दीदी, आप मेरे लिए बहुत खास हो। दीदी मुस्कुराईं और बोलीं, तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है। छोटी बहन ने गले लगाते हुए कहा, आप मेरे लिए इतनी अच्छी-अच्छी चीजें बनाती हो, उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। फिर दोनों बहनों ने मिलकर हंसते-खेलते पैनकेक खाए। यही छोटी-छोटी खुशियां हमारी जिंदगी को खुशहाल बनाती हैं।
अविशी जैन,उम्र-11वर्ष
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दो बहनें थीं। एक दिन बड़ी बहन की थाली में गरमा-गरम पैनकेक था। आज का दिन दोनों के लिए खास था, क्योंकि पैनकेक दीदी ने खुद अपने हाथों से बनाए थे। दोनों बहनों के चेहरे पर मुस्कान थी। छोटी बहन ने कहा, दीदी, आप मेरे लिए बहुत खास हो। दीदी मुस्कुराईं और बोलीं, तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है। छोटी बहन ने गले लगाते हुए कहा, आप मेरे लिए इतनी अच्छी-अच्छी चीजें बनाती हो, उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। फिर दोनों बहनों ने मिलकर हंसते-खेलते पैनकेक खाए। यही छोटी-छोटी खुशियां हमारी जिंदगी को खुशहाल बनाती हैं।
अविशी जैन,उम्र-11वर्ष
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दो बहनों का मीठा प्यार
दो बहनें थीं नेहा और रिया। नेहा बड़ी बहन थी। उसने रिया के जन्मदिन पर पैनकेक बनाया। घर में ज्यादा कुछ तो नहीं था पर जो भी था, नेहा ने स्नेहिल भाव से पैनकेक बनाया। नेहा ने रिया को आवाज लगाई। रिया जब कमरे में आई और दीदी के हाथ में थाली देखी, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
दो बहनें थीं नेहा और रिया। नेहा बड़ी बहन थी। उसने रिया के जन्मदिन पर पैनकेक बनाया। घर में ज्यादा कुछ तो नहीं था पर जो भी था, नेहा ने स्नेहिल भाव से पैनकेक बनाया। नेहा ने रिया को आवाज लगाई। रिया जब कमरे में आई और दीदी के हाथ में थाली देखी, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
वह झूम उठी। रिया ने कहा,दीदी, आप मेरे लिए बहुत खास हो। आप मेरा कितना ख्याल रखती हो। तब नेहा ने हंसकर कहा, अरे छोटी, तू भी ना! तेरी खुशी में ही तो मेरी खुशी है। छोटों की खुशी का ध्यान बड़ों को रखना चाहिए और छोटों को बड़ों की इज्जत करनी चाहिए। इस तरह घर-परिवार में खुशी और संस्कार पोषित होते रहते हैं।
अवनि चौधरी,उम्र-12वर्ष
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अवनि चौधरी,उम्र-12वर्ष
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मिलजुलकर रहने में है भलाई
दो बहनें थीं। एक बार उनके पापा उनके लिए ब्रेड लाए । दोनों बहनें लडऩे लगीं कि कौन ज्यादा खाएगा। फिर उनकी मम्मी ने ब्रेड को कहीं छुपा कर रख दिया। दोनों बहनों ने आपस में बोलना बंद कर दिया। दोनों बहनों को अपनी गलती का अफसोस हुआ। उन्होंने प्यार से बात करना शुरू कर दिया।
दो बहनें थीं। एक बार उनके पापा उनके लिए ब्रेड लाए । दोनों बहनें लडऩे लगीं कि कौन ज्यादा खाएगा। फिर उनकी मम्मी ने ब्रेड को कहीं छुपा कर रख दिया। दोनों बहनों ने आपस में बोलना बंद कर दिया। दोनों बहनों को अपनी गलती का अफसोस हुआ। उन्होंने प्यार से बात करना शुरू कर दिया।
अपनी मम्मी के पास आकर बोली माफ कर दीजिए। अब हम कभी भी लड़ाई नहीं करेंगे। मम्मी ने ब्रेड दे दी। दोनों ने ब्रेड पर शहद डालकर प्यार से खा ली। इसके बाद उन्होंने लडऩा बंद कर दिया। शिक्षा- कभी भी हमें लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए। हमें हमेशा प्यार से रहना चाहिए।
त्रिशा जैन,उम्र-10वर्ष
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त्रिशा जैन,उम्र-10वर्ष
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बहनों का प्रेम
एक बार की बात है। दो बहनें थीं। दोनों आपस में बहुत प्यार करती थीं। वे एक साथ खेलतीं, हंसतीं और हर काम मिलकर करती थीं। एक दिन उनके मम्मी-पापा को जरूरी काम से दूसरे शहर जाना पड़ा। उन्होंने बहनों को समझाया और कहा, हम जल्दी लौट आएंगे। तुम दोनों मिलकर रहना और एक-दूसरे का ख्याल रखना। जब मम्मी-पापा चले गए, तो बहनें पहले तो बहुत खुश हुईं। उन्होंने सोचा, आज तो हम खूब मस्ती करेंगे! सुबह से दोपहर तक वे खिलौनों से खेलती रहीं, गाने सुनती रहीं और नाचती रहीं। लेकिन शाम होते-होते छोटी बहन थोड़ी उदास हो गई। उसकी आंखों में आंसू आ गए। वह बोली, मुझे मम्मी की याद आ रही है…।
एक बार की बात है। दो बहनें थीं। दोनों आपस में बहुत प्यार करती थीं। वे एक साथ खेलतीं, हंसतीं और हर काम मिलकर करती थीं। एक दिन उनके मम्मी-पापा को जरूरी काम से दूसरे शहर जाना पड़ा। उन्होंने बहनों को समझाया और कहा, हम जल्दी लौट आएंगे। तुम दोनों मिलकर रहना और एक-दूसरे का ख्याल रखना। जब मम्मी-पापा चले गए, तो बहनें पहले तो बहुत खुश हुईं। उन्होंने सोचा, आज तो हम खूब मस्ती करेंगे! सुबह से दोपहर तक वे खिलौनों से खेलती रहीं, गाने सुनती रहीं और नाचती रहीं। लेकिन शाम होते-होते छोटी बहन थोड़ी उदास हो गई। उसकी आंखों में आंसू आ गए। वह बोली, मुझे मम्मी की याद आ रही है…।
बड़ी बहन को यह देखकर चिंता हुई। वह छोटी बहन को खुश करना चाहती थी। तभी उसे एक प्यारा-सा विचार आया। वह जल्दी से रसोई में गई और पैनकेक बनाने लगी। उसने आटे में दूध और चीनी मिलाई, फिर गोल-गोल पैनकेक तवे पर सेंके। जब पैनकेक तैयार हो गए, तो उसने शहद डालकर प्लेट में सजाया। बड़ी बहन ने छोटी बहन को बुलाया और कहा, देखो, तुम्हारे लिए मैंने पैनकेक बनाए हैं। छोटी बहन की आंखें चमक उठीं। दोनों बहनों ने मिलकर पैनकेक खाए और खूब बातें कीं। छोटी बहन अब खुश हो गई थी। वह बोली, तुम सबसे प्यारी बहन हो! बड़ी बहन मुस्कुराई और बोली, हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी। उस रात दोनों बहनें एक-दूसरे का हाथ पकड़कर सो गईं। यह सोचकर कि जब तक हम साथ हैं, हमें किसी चीज से डरने की जरूरत नहीं। सीख- भाई-बहनों का प्यार सबसे खास होता है।
अर्निमा तिवारी,उम्र-7वर्ष
अर्निमा तिवारी,उम्र-7वर्ष