गौरतलब है कि राज्य के बजट में सिरोही जिले के कृषि प्रधान क्षेत्र मंडार को गौण कृषि मंडी की सौगात दी गई है। पिछले दिनों घोषणा की क्रियान्विति को लेकर उपखण्ड अधिकारी सुबोध सिंह चारण तथा आबूरोड कृषि मंडी के सचिव रजनीश सिंह मंडार पहुंचे थे। उन्होंने नायब तहसीलदार जब्बर सिंह देवड़ा तथा पटवारी अशोक विश्नोई के साथ कस्बे के पादर मार्ग पर कृषि गौण मंडी के लिए भूमि चिह्नित की थी। मंडार में भूमि चिह्नित करने के बाद कुछ लोगों ने मंडी को सोरडा ले जाने की कवायद शुरू की थी। उस दौरान जिले के जनप्रतिनिधियों ने भी सोरडा जाकर भूमि देखी थी। जिससे भारतीय किसान संघ, मंडार व्यापारिक संघ, गुंडवाड़ा पंचायत, सोनेला पंचायत, भाजपा मंडल अध्यक्ष भटाना, किसानों तथा ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त हो गया। सभी ने जिला कलक्टर, मुख्यमंत्री तथा कृषि मंडी आबूरोड सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा मंडार में ही मंडी स्थापित करने को मांग की थी। अन्यत्र करने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी।
कृषि मंडी सचिव रजनीश सिंह, उपखण्ड अधिकारी सुबोध सिंह चारण, नायब तहसीलदार जबर सिंह देवड़ा तथा व्यापारी संघ के कांतिलाल माली के प्रयास से मंडार सरपंच परबत सिंह देवड़ा ने चिह्नित भूमि देने के लिए एनओसी देकर स्वीकृत जगह पर कृषि मंडी बनवाने पर मुहर लगा दी।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा, लोगों ने जताया आभार
मंडार में कृषि मंडी की जरूरत और फिर स्वीकृत होने के बाद उसे अन्यत्र ले जाने को लेकर राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से खबरें प्रकाशित कर क्षेत्रवासियों का मुद्दा उठाया था। पत्रिका की ओर से कई सालों से मंडार में कृषि मंडी की आवश्यकता को लेकर मुददा उठाया जा रहा है। पत्रिका में प्रमुखता से खबरें प्रकाशित होने पर कृषि मंडी मंजूर होने और अब गौण मंडी चिह्नित स्थान पर ही स्थापित करने की कवायद को लेकर क्षेत्र के किसानों ने खुशी जताई।
इनका कहना है…
कृषि गौण मंडी के लिए 25 बीघा भूमि चिह्नित की गई है। जिसकी पत्रावली तैयार करवा आवंटन के लिए जिला कलक्टर को भिजवा दी गई है। मंडी परिसर में किसानों के अनाज क्रय-विक्रय की दुकानें, कोल्ड स्टोरेज, अन्न भंडारण, नीलामी चबूतरे तथा सभी आधारभूत भौतिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। मंडी बनने के बाद किसानों को अपनी उपज को बेचने के लिए गुजरात नहीं जाना पड़ेगा। मंडी से चहुंमुखी विकास, बेरोजगारों को रोजगार तथा श्रमिकों को काम मिलेगा। रजनीश सिंह, सचिव, कृषि मंडी आबूरोड