राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्र के जिन सरकारी स्कूल में छात्राओं की संख्या ज्यादा है, वहां उनके लिए टॉयलेट दूर से ही नजर आएंगे। इनका रंग गुलाबी किया गया है। इन पिंक टॉयलेट्स में छात्राओं के लिए सेनेटरी पैड भी नि:शुल्क मिलेंगे। साथ ही अगले चरण में सेनेटरी पैड को नष्ट करने वाली मशीन भी लगाई जाएंगी। राजस्थान सरकार के इस अभियान को मिशन पिंक टॉयलेट नाम दिया गया है। इस पर करीब सौ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रत्येक शौचालय के नवीनीकरण पर करीब 75 हजार रुपए का खर्चा आया है। केन्द्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत इसमें अनुदान भी दिया जा रहा है।
प्रदेश में पहले चरण में 11 हजार 283 स्कूलों में पिंक टॉयलेट बनाए जाएंगे। दिसम्बर के पहले सप्ताह तक करीब सत्तर फीसदी बन गए। शेष में कार्य चल रहा है। पिंक टॉयलेट में नियमित पानी व साबुन की व्यवस्था भी रहेगी।इसे दिव्यांगों के अनुकूल भी बनाया गया है। इसके नियमित साफ-सफाई की जिम्मेदारी संबंधित स्कूल प्रबंधन की रहेगी। सेनेटरी पैड की जिम्मेदारी आपूर्तिकर्ता उड़ान योजना की फर्म की रहेगी। इनको ऐसी जगह पर बनाया गया है, जहां प्रकाश की बेहतर व्यवस्था है।सरकारी स्कूल में जहां पिंक टॉयलेट बनाए गए हैं, वहां छात्राओं को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। पैड को नष्ट करने की मशीन के उपयोग में बरती जानी वाली सावधानी बताई जाएंगी। जानकारों का कहना है कि प्रदेश में कई स्कूल ऐसे हैं, जहां बालिकाओं के अलग से साफ टॉयलेट नहीं है। कहीं टॉयलेट हैं तो उन पर ताले लगे हुए हैं। टॉयलेट नहीं होने के कारण वे परेशान रहती हैं। पैड के अभाव में व स्वच्छता की कमी के चलते अनेक प्रकार की बीमारी महिलाओं में हो जाती है।
इनका कहना है
कोशिश रहेगी गाइड लाइन के अनुसार पिंक टॉयलेट का उपयोग हो। शिक्षा विभाग प्रबंधन करेगा, जबकि उड़ान योजना में पैड नि:शुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे कैलाश चंद्र, सीइओ, जिला परिषद झुंझुनूं
सरकारी स्कूल में जहां पिंक टॉयलेट बनाए गए हैं, वहां छात्राओं को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। सैनेटरी पैड निशुल्क रखे जाएंगे। साथ ही पैड को नष्ट करने की मशीन भी रखी जाएगी। इसके उपयोग में बरती जानी वाली सावधानी बताई जाएंगी।
सुमन चौधरी, जिला समन्वयक, स्वच्छ भारत मिशन झुंझुनूं