निभाया नहीं पेड़ लगाने का वादा
फोरलेन निर्माण से पूर्व सडक़ के किनारे खूब पेड़ थे। निर्माण कार्य के दौरान हजारों की संख्या में पेड़ काटे गए। पेड़ों को तो लोग जीम गए। मगर फोरलेन निर्माण के बाद पौधरोपण कर उनको पेड़ बनाने का जो वादा आरएसआरडीसी ने किया था, वह आज तक नहीं निभाया गया है। अधिकांश जगहों पर फोरलेन बिना पेड़ों के नंगा ही नजर आता है।
सिर्फ लीपापोती
डबलीराठान से हनुमानगढ़ की तरफ डेरा सच्चा सौदा नाम चर्चा घर के समीप गड्ढ़े भरने के लिए किया गया पेचवर्क उखड़ गया है। ऐसा कार्य कुछ अन्य स्थानों पर भी किया गया है। मुख्य बस अड्डे से कुछ ही दूर पीलीबंगा की तरफ भी सडक़ दोनों ओर क्षतिग्रस्त है। वहां बहुत बड़ा गड्डा बन गया है। वाहन चालकों को हादसों से बचाने के लिए दुकानदारों ने पत्थरों के टुकड़े डाले थे। उनके ऊपर ही पेचवर्क की खानापूर्ति कर दी गई। गांव कमाना से आते समय डबलीराठान साइड तथा एसकेडी यूनिवर्सिटी के समीप एवं गोदारा पट्रोल पम्प से हनुमानगढ़ की तरफ डिवाइडर के साथ लम्बाई में आई बड़ी दरारों पर पेचवर्क की लीपापोती की गई है।
ऐसी रहती स्थिति
माकपा ने सडक़ निर्माण में भ्रष्टाचार व उसकी स्थिति सुधारने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन किए हैं। वहीं भाजपा तब आंदोलन करती है जब कांग्रेस की सरकार होती है। अपनी सरकार आते ही फोरलेन को भूल जाते हैं। यही स्थिति कांग्रेस की है। सत्ताधारी दलों के नेता मुखरता से फोरलेन की बिगड़ी स्थिति व सुधार की मांग नहीं उठाते।
टोल टैक्स लायक रोड नहीं
भ्रष्टाचार के कारण फोरलेन मार्ग का गुणवत्तापूर्ण निर्माण नहीं हुआ। इसका लेवल व निर्माण इतना खराब है कि यह कभी टोल टैक्स वसूली लायक रोड थी ही नहीं। कई बार हमने इसकी स्थिति सुधारने को लेकर आंदोलन किए हैं। अब भी तैयार हैं। सरकार सडक़ की स्थिति में सुधार करवाए। – रामेश्वर वर्मा, उपाध्यक्ष माकपा राज्य कमेटी।
अधिकारी झांकने लगते बगलें
फोरलेन मार्ग के पुनर्निर्माण की जरूरत है। इसकी खराब स्थिति को लेकर जब-जब जिला परिषद की बैठक में सवाल उठाए हैं, तब तब अधिकारी बगलें झांकने लगे हैं। उनके पास कोई जवाब ही नहीं होता है। बस जनता परेशानी भुगतने को विवश है। – मनीष मक्कासर, जिप सदस्य।