मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में लागू इस योजना का नाम जी-सफल (गुजरात स्कीम फॉर अंत्योदय फेमिलीज फॉर ऑगमेन्टिंग लाइवलीहुड है। इसका क्रियान्वयन गुजरात लाइवलीहुड प्रमोशन कंपनी लिमिटेड (ग्रामीण विकास विभाग) की ओर से किया जा रहा है। इस प्रणाली के तहत लाभार्थी महिलाओं को मिलने वाली आर्थिक सहायता उनके डिजिटल वॉलेट में सीधे जमा की जाएगी। रिंग फेंसिंग तकनीक की वजह से यह राशि सिर्फ निर्धारित आजीविका गतिविधियों में ही खर्च की जा सकेगी। यानी महिलाओं को दी गई सहायता राशि सुरक्षित और उद्देश्य-केन्द्रित बनी रहेगी और उसका दुरुपयोग नहीं हो सकेगा।
योजना के पहले चरण में अब तक 674 महिलाओं को डिजिटल वॉलेट से आजीविका सहायता प्रदान की जा चुकी है। यह प्रणाली पारदर्शिता, सुरक्षा और लक्ष्य आधारित उपयोगिता का बेहतरीन उदाहरण है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 के अंत तक करीब 28,000 महिलाओं को इस डिजिटल प्रणाली के जरिए लाभ दिया जाए। यह पहल 13 तहसीलों और 2 जिलों में विशेष रूप से चलाई जा रही है।