ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार, 692 करोड़ की लागत से खुलेगी कोल माइंस, 763 हेक्टेयर में होगा खनन,
शाहपुर में कोल माइंस प्रबंधन व ग्रामीणों के बीच लोक सुनवाई


शहडोल. उमरिया के पाली ब्लॉक में 692.56 करोड़ की लागत से अंडरग्राउंड कोल माइंस स्थापित होने जा रही है। इस परियोजना से छह गांव— शाहपुर, खोलखम्हरा, मालाचुआ, रौगड़, पडरी और बंधवाबारा प्रभावित होंगे। माइंस से हर साल 15 लाख टन कोयले का उत्पादन होगा, जिसके लिए 539 अधिकारियों और कर्मचारियों की जरूरत होगी। मंगलवार को शाहपुर गांव में प्रशासनिक अधिकारियों और कंपनी प्रबंधन की मौजूदगी में लोक सुनवाई आयोजित की गई। इसमें स्थानीय ग्रामीणों से राय ली गई। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि, स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार मिले। माइंस से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए उच्चस्तरीय अस्पताल बनाया जाए। जलस्तर बनाए रखने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाए। कृषि पर असर न पड़े, इसके लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएं। कोल माइंस प्रबंधन ने भरोसा दिलाया कि माइंस संचालन से क्षेत्र को कोई नुकसान नहीं होगा। स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाएगा, जो कुशल नहीं होंगे, उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
गांव में खुले अस्पताल, शिक्षा व स्वास्थ्य पर भी हो काम
हरिओम महरा निवासी खोलखम्हरा ने कहा कि क्षेत्र में इतने बड़े परियोजना का संचालन होने जा रहा है, इस परियोजना में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए, इसके साथ ही स्वास्थ्य एवं शिक्षा के सुधार पर भी कंपनी काम करे। विकास गुप्ता निवासी शाहपुर ने कहा हमारा गांव प्रभावित क्षेत्र में आ रहा है, माइंस के प्रदूषण से लोगोंं को समस्या न हो इसके लिए क्षेत्र में एक उच्च स्तरीय अस्पताल खुलना चाहिए। इसके साथ किसानों को किसी प्रकार की समस्या न इसका विशेष ध्यान देना होगा। हर्ष द्विवेदी ने कहा अंडर ग्राउंड खदान से वाटर लेवल डाउन होगा, इसके लिए मांइस प्रबंधन को रैन वाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट लगाया जाए।
हर साल 15 लाख टन कोयले का उत्पादन
कंपनी 28 हेक्टेयर भूमि पर ढांचा निर्माण की योजना बना रही है, हालांकि, स्थान अभी तय नहीं हुआ है। परियोजना से क्षेत्र के विकास और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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