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विश्व रक्तदाता दिवस आज…ये रक्त के दानी, रक्तदान कर बचा रहे जरूरतमंदों की जान

अनजान के लिए रक्त का दान, खून का रिश्ता कायम करने का काम कर रहे रक्तवीरसिरोही. रक्तदान महादान है। रक्तदान से किसी जरूरतमंद का जीवन बचाया जा सकता है। सड़क हादसों में घायल लोग कई बार रक्त के अभाव में दम तोड़ देते हैं। इसलिए युवाओं को समय-समय पर रक्तदान अवश्य करना चाहिए। सिरोही जिले […]

सिरोहीJun 14, 2025 / 08:04 pm

Bharat kumar prajapat

अनजान के लिए रक्त का दान, खून का रिश्ता कायम करने का काम कर रहे रक्तवीर
सिरोही. रक्तदान महादान है। रक्तदान से किसी जरूरतमंद का जीवन बचाया जा सकता है। सड़क हादसों में घायल लोग कई बार रक्त के अभाव में दम तोड़ देते हैं। इसलिए युवाओं को समय-समय पर रक्तदान अवश्य करना चाहिए। सिरोही जिले में कई ऐसे रक्तवीर हैं, जो समय-समय पर रक्तदान कर दूसरों का जीवन तो बचा ही रहे हैं और अन्य लोगों को भी प्रेरित कर रहे हैं। रक्तदान दिवस पर पेश है एक रिपोर्ट-
60 बार किया रक्तदान, आज तक नहीं ली कोई फोटो

सिरोही शहर के 49 वर्षीय विवेक कोठारी एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने रक्तदान के क्षेत्र में एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। वे अब तक 60 से अधिक बार रक्तदान कर कई लोगों की जान बचा चुके हैं। उनकी सबसे बड़ी खासियत है कि उन्होंने कभी भी रक्तदान करते हुए फोटो नहीं खिंचवाई और न ही सोशल मीडिया पर शेयर की।
कोठारी बताते हैं कि 1993 में जब 11वीं कक्षा में पढ़ता था तो किसी रिश्तेदार का ऑपरेशन करवाया था और उस समय उनको रक्त की जरूरत थी। देने वाला कोई नहीं मिलने पर स्वयं ने रक्तदान किया। उसके बाद से रक्तदान करने का सिलसला शुरू हुआ। कोठारी साल में तीन से चार बार रक्तदान करते हैं। 2005 तक 40 बार रक्तदान कर चुके थे, लेकिन फिर आयु बढऩे से रक्तदान कम करना पड़ा।
अस्पताल में किसी को जरूरत होती तो कर देते रक्तदान

सिरोही शहर के 80 वर्षीय जहूर भाई अब तक 104 बार रक्तदान कर चुके हैं। जहूर भाई बताते हैं कि 1975 में पहली बार रक्तदान किया था। उस दौरान उनके पास एम्बुलेंस की तरह से गाड़ी थी, जिससे मरीजों व शवों को उधर-उधर पहुंचाते थे। सिरोही अस्पताल में रोजाना आना जाता रहता था। उस समय लोगों को जब रक्त की जरूरत होती थी और देने वाला कोई नहीं होता तो वे स्वयं रक्तदान कर देते। वे अब तक 104 बार रक्तदान कर चुके।

पिण्डवाड़ा के नितेश हर तीसरे माह करते हैं रक्तदान

पिण्डवाड़ा के 43 वर्षीय नितेश कुमार रावल हर तीसरे माह रक्तदान करते हैं। नितेश ने 17 साल की आयु से रक्तदान करना शुरू किया, जो आज भी जारी है। किसी की दुर्घटना होने पर तो कभी-कभी दो-दो बार भी रक्तदान कर देते हैं। वे अब तक कई लोगों का जीवन बचा चुके हैं। उनका कहना है कि अपने के लिए तो सब करते हैं, जरूरतमंद के लिए करना सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। इसी उद्देश्य को लेकर रक्तदान करना शुरू किया था।

सिरोही के प्रकाश 26 बार कर चुके रक्तदान, दूसरों को भी करते प्रेरित

सिरोही शहर के समाजसेवी प्रकाश प्रजापति भी रक्तदान के क्षेत्र में एक अनोखा कार्य कर रहे हैं। वे अब तक 26 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। समय-समय पर रक्तदान शिविर आयोजित कर अन्य लोगों को भी प्रेरित करते हैं। प्रजापति बताते हैं कि मरीजों को रक्त की आवश्यकता होने पर मैं खुद रक्तदान कर देता हूं और अन्य को प्रेरित कर रक्त दिलवाता हूं।

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