स्मार्ट फार्मिंग तकनीकी से छोटे किसान कम लागत में अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं, खेत तैयार करने ,उपज बोने से लगाकर सिंचाई और फसल काटने तक विभिन्न किफायती तकनीकी का इस्तेमाल कर खेती की लागत कम कर सकते हैं ,साथ ही जहरीले रसायनों का प्रयोग कम कर सिंचाई में पानी की फिजुलखर्ची रोक कर जल और पर्यावरण सहेजने की दिशा में भी जागरूक हो सकते हैं। – संजय डागा हातोद इन्दौर मध्यप्रदेश
स्मार्ट फार्मिंग का अर्थ आधुनिक तकनीकों और डिजिटल उपकरणों (जैसे- इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन, सेंसर, बिग डेटा, ऑटोमेशन आदि )का उपयोग करके कृषि उत्पादन को अधिक प्रभावी, कुशल और लाभकारी बनाना है। छोटे पैमाने के किसानों के लिए स्मार्ट खेती के लाभ बहुत हैं। यह तकनीक उन्हें संसाधनों का कुशल उपयोग करने में मदद करती है, जिससे खर्च में कमी ,उत्पादन में वृद्धि ,उर्वरक, पानी और कीटनाशकों का सटीक इस्तेमाल कम लागत में बेहतर परिणाम देता है।साथ ही मिट्टी की सेहत और फसल की वास्तविक स्तिथि ,पर्यावरणीय अनुकूलता, जल संरक्षण और जोखिम प्रबंधन में भी मदद मिलती है। छोटे किसानों को स्मार्ट खेती का उपयोग करने के लिए उन्हें इसके लाभों से अवगत कराना तथा उन्हें प्रेरित करने के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण, सरकारी समर्थन, स्थानीय सफल उदाहरण, तकनीकी सहायता, लघु ऋण सुविधाएं, प्रोत्साहन और पुरस्कार, समुदायिक भागीदारी और तकनीकी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
शिवानी ठाकुर, इंदौर
कृषि में अत्याधुनिक स्मार्ट फार्मिंग तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ), डेटा प्रबंधन, ड्रोन, मृदा स्कैनिंग, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स आदि का इस्तेमाल करके छोटे किसान बेहतर कृषि प्रबंधन कर पाएंगे । इससे जहाँ उत्पादकता बढ़ेगी वहीं कृषि लागत में भी कमी आएगी। साथ ही स्मार्ट फार्मिंग तकनीकों से किसान उपलब्ध संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने में सक्षम होंगे। – सर्वजीत अरोड़ा, जयपुर
स्मार्ट फार्मिंग तकनीक में आधुनिक सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर खेती मे उन्नत प्रबंध किए जाते हैं। इनके प्रयोग से मानव श्रम का अनुकूल प्रयोग कर सभी प्रकार के कृषि उत्पादों की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती हैं जिनका लाभ छोटे किसान आसानी से ले सकते हैं। स्मार्ट फार्मिंग के अंतर्गत पशुओं की देखभाल, फसल नियंत्रण और संसाधनों के उचित उपयोग ज्ञात होते हैं जो छोटे किसानों की आय बढ़ाने मे बहुत सहायक माने जा रहे हैं। -नरेश कानूनगो ‘शोभना’ देवास मप्र