इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस छिपाकर हो रही थी नकल
आरपीएफ कांस्टेबल की लिखित परीक्षा 2 मार्च से 18 मार्च तक सेक्टर-62 स्थित आईडीजेड-2 सेंटर में आयोजित हो रही है। 7 मार्च को परीक्षा के दौरान आजाद नामक परीक्षार्थी फ्लोर 5 के लैब ए-5 में परीक्षा दे रहा था। उसने बेंच के नीचे एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस छिपाकर सेटअप किया था और कान में ब्लूटूथ डिवाइस लगाकर किसी व्यक्ति से प्रश्नों के उत्तर सुन रहा था। कक्ष निरीक्षक छत्रपाल को इस पर संदेह हुआ और जब उन्होंने मौके पर मौजूद स्टाफ वी.के. शर्मा, आदित्य चौधरी और आशीष रस्तोगी को बुलाकर तलाशी ली, तो आजाद के पास से ब्लूटूथ डिवाइस और बेंच के नीचे लगा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुआ। पूछताछ में आजाद ने बताया कि उसके भाई असलम ने राहुल (निवासी मवाना, मेरठ) और पंकज (निवासी हासमपुर, मुजफ्फरनगर) से संपर्क किया था, जो उसे परीक्षा पास कराने में मदद कर सकते थे।
4 लाख रुपये में तय हुआ था सौदा
इसके लिए 4 लाख रुपये में सौदा तय हुआ, जिसमें 50,000 रुपये एडवांस दे दिए गए थे। राहुल और पंकज ने यह व्यवस्था सुमित (निवासी नगला बड़ी, बागपत) के जरिए की, जिसने अपने गांव के ही अर्जुन डागर से संपर्क किया। अर्जुन डागर, आईडीजेड-2 सेंटर में काम करता था और पैसे लेकर परीक्षार्थियों को नकल कराने में मदद करता था। अर्जुन डागर ने 7वीं मंजिल के ए-7 लैब के बाथरूम में ब्लूटूथ और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस रखी, जिसे आजाद ने परीक्षा के दौरान इस्तेमाल किया। हालांकि, आजाद यह नहीं बता सका कि उसे उत्तर कौन दे रहा था। इस मामले में थाना सेक्टर-58, गौतमबुद्ध नगर में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस पूरे गिरोह की जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।