MBBS में एडमिशन दिलाने का किया था दावा
इस गैंग ने NEET अभ्यर्थियों का रॉ डेटा (Raw Data) हासिल कर लिया था और फिर उन्हें कॉल कर परीक्षा में मदद करने और पास कराने का झांसा देकर पैसे की मांग कर रहे थे। आरोपियों ने दावा किया था कि वे छात्रों को MBBS में दाखिला दिलवा सकते हैं। जांच में सामने आया है कि यह गैंग पहले भी कई छात्रों को मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के नाम पर ठग चुका है।
आरोपियों से हो रही है पूछताछ
फिलहाल तीनों आरोपियों से पूछताछ जारी है और STF यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गैंग के तार किन-किन राज्यों से जुड़े हैं और अब तक कितने छात्रों को इसका शिकार बनाया गया है। कोचिंग की हो सकती है मिलीभगत
STF की शुरुआती जांच के अनुसार, गैंग के पास छात्रों की निजी जानकारी कैसे पहुंची, इसकी भी गहनता से जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि परीक्षा या कोचिंग सिस्टम से जुड़े कुछ अंदरूनी लोगों की भी इसमें मिलीभगत हो सकती है।