सोमवार को ग्राम पंचायत केशवगढ़, कुम्हैड़ी, शिवराजपुरा, दिगौड़ा सहित अन्य पंचायतों के सरपंचों के साथ ही जनपद उपाध्यक्ष एवं विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय से मुलाकात की और निवाड़ी जिले में शामिल होने का विरोध किया। इन प्रतिनिधियों का कहना था कि निवाड़ी जिले में इन पंचायतों का शामिल किया जाना बिलकुल भी व्यवहारक नहीं है। सरपंच संघ के प्रतिनिधि पुष्पेंद्र जैन का कहना था कि शासन यह पुनर्गठन लोगों की सुविधा के लिए कर रही है, लेकिन टीकमगढ़ जिले के मोहनगढ़ और दिगौड़ा तहसील के गांवों को निवाड़ी में शामिल करना असुविधा से भरा है। इससे इन तहसील क्षेत्र की लगभग डेढ़ लाख आबादी प्रभावित होगी। उनका कहना था कि दिगौड़ा तहसील के लोगों को टीकमगढ़ मुख्यालय जहां 20 किमी है तो निवाड़ी से 65, मोहनगढ़ क्षेत्र के लोगों को तो 80 किमी सफर करना पड़ेगा। वहीं इन क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा भी नहीं है। इससे तो लोगों को और असुविधा होगी। ऐसे में इन लोगों ने इसका विरोध करते हुए आंदोलन करने की बात कही है।
निवाड़ी को वापस मिलाया जाए इधर मोहनगढ़ और दिगौड़ा तहसील के गांवों को निवाड़ी में जोडऩे की बात कही जा रही है तो कुछ लोग निवाड़ी जिले का फिर से टीकमगढ़ में पुर्नगठन करने की मांग कर रहे है। इस संबंध में सोशल मीडिया पर सीएम का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहे है कि एक ओर निवाड़ी 5 लाख की आवादी का जिला है तो दूसरी ओर इंदौर 40 लाख आबादी है। इस प्रकार की असानता को खत्म करने के लिए परीसीमन की जरूरत है। ऐसे में समझा जा रहा है कि शायद निवाड़ी जिले को फिर से टीकमगढ़ में शामिल कर दिया जाएगा। वहीं जिले के लोग भी विकास के लिए निवाड़ी और टीकमगढ़ जिले को एक करने की मांग कर रहे है।