अब बात आती है कि बच्चों को इस आधुनिक युग में चल रहे सोशल मीडिया के इस युद्ध में फंसने से कैसे रोका जाए। तो इसके लिए बच्चों को पुराने आउटडोर खेलों क्रिकेट, फुटबाल, बालीबाल, बास्केटबाल आदि के बारे में सिखाना होगा तथा आउटडोर खेलों की ओर कदम बढ़ाना होगा एवं उनके साथ आउटडोर खेल में पेरेंट्स को भी कुछ समय बिताना होगा जिससे कि बच्चों का रुझान खेलों की ओर बढ सके एवं उनका शारीरिक विकास संभव हो सके। हालांकि कुछ इंडोर गेम्स भी खेले जा सकते हैं जिसमें कैरम बोर्ड, सांप सीढ़ी आदि कई खेल शामिल है। शारीरिक रूप से खेल खेलने के बाद बच्चों में जो थकान का अनुभव होता है उसके बाद नींद अच्छी आती है और नींद अच्छी आने के बाद उसका मस्तिष्क सही रूप से कार्य करने लग जाता है ऐसे में वह पढ़ाई की ओर आकर्षित भी होगा। समय से अपना आहार लेगा जिससे कि बच्चे का विकास हो सकेगा। सोशल मीडिया के दुष्परिणामों को रोकने के लिए एवं बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए माता-पिता एवं परिवारजन को बच्चों के सामने मोबाइल का कम से कम उपयोग करना चाहिए, जिससे बच्चों को मोबाइल की याद नहीं आए। यदि बच्चा मोबाइल लेने के लिए जिद भी करता है तो उसको कोई बहाना बनाकर मोबाइल नहीं देना ही उचित होगा। इस तरह हम बच्चों को मोबाइल का उपयोग करने से रोक सकते हैं। वही सोशल मीडिया के दुष्परिणामों से बचने के लिए बच्चों को रोचक कहानियां भी समय-समय पर सुनाते रहना चाहिए तथा बच्चों को चित्रकला एवं क्रिएटिव एक्टिविटीज सिखानी चाहिए जिससे कि बच्चों में क्रिएटिव माइंड डवलप हो सके।