स्वदेशी ड्रोन तकनीक की विकासित पद्धति और गोरिल्ला युद्ध नीति की बेहतर युद्ध कला सीखनी चाहिए। भारत को भी साइबर कमांड को मजबूत करना चाहिए। डेटा स्थानीयकरण और डिजिटल बुनियादी ढांचे पर निवेश बढ़ाना चाहिए। सूचना युद्ध के मोर्चे पर भी तैयार रहना चाहिए और सोशल मीडिया निगरानी और प्रतिक्रिया तंत्र विकसित करना चाहिए। रियल टाइम इंटेलिजेंस और डेटा शेयरिंग पर जोर देना चाहिए। पारंपरिक और आधुनिक दोनों प्रकार के खतरों का सामना करने की क्षमता-दक्षता को और अधिक विकसित करना चाहिए। – डॉ. मुकेश भटनागर, भिलाई (छत्तीसगढ़)
यूक्रेन के ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’ से हम व अन्य देश सबक ले सकते हैं कि यह एक अतिकुशल तकनीक है जिसकी मारक क्षमता शायद अब तक के अभियानों से अधिक घातक सिद्ध हुई है। तकनीकी दक्षता के साथ-साथ लक्षित टारगेट पर सटीक पहुंच की एक नई विधा है अतः इस प्रकार की नई तकनीकों के साथ भविष्य के लिए तैयार रहना होगा जिसके बारे मे दुश्मन ने कल्पना ही नहीं की होगी। – ओमप्रकाश दिनोदिया, हनुमानगढ
रूस-यूक्रेन जंग के दौरान यूक्रेन द्वारा ऑपरेशन स्पाइडर वेब के जरिए 117 सूक्ष्म ड्रोन से रूस के पांच सैनिक ठिकानों को निशाना बनाया कर लगभग 7 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान पहुंचाना बहुत ही चिंताजनक है। विश्व में जंग के बदलते स्वरूप को लेकर पूरा विश्व स्तब्ध है। भारत को शत्रु देश के प्रति निगरानी तंत्र को और अधिक बेहतर बनाते हुए आधुनिक जंग के अनुसार अस्त्र-शस्त्र विकसित करने होंगे। – पी.सी. खंडेलवाल, जयपुर
ऑपरेशन स्पाइडर वेब ने साबित किया कि नवाचार, धैर्य और बेहतर रणनीति, आधुनिक युद्ध में पारंपरिक शक्ति को चुनौती दे सकते हैं। भारत जैसे देशों के लिए यह आवश्यक है कि वे ड्रोन तकनीक, साइबर युद्ध और खुफिया नेटवर्क में निवेश बढ़ाएं तथा रक्षा परियोजनाओं में देरी को कम करें। यह ऑपरेशन भविष्य के युद्ध का स्वरूप है, जहां लड़ाई का मैदान किसी देश की पूरी सीमा होगी। अब साइबर सीमाएं असीम हो चुकी हैं, अतः केवल निंदा से ऊपर जाकर आत्म रक्षा तथा आक्रामक बनने के लिए शतरंजी चालें आवश्यक हैं। जिसके लिए देश की सारी एजेंसियों को एक समन्वय और जनता को सजग बनाने के कदम उठाने होंगे। – विवेक रंजन श्रीवास्तव, भोपाल
अचूक रूसी एयर डिफेंस सिस्टम के बावजूद यूक्रेन ने रूस के बहुत दूर अंदरुनी इलाके में एयरबेस पर हमला करके विश्व को एक नई चिंता में डाल दिया है कि कैसे एक छोटा-सा ड्रोन एक देश को व्यापक स्तर पर नुकसान पहुंचा सकता है। यूक्रेन के ऑपरेशन स्पाइडर वेब से भारत को भी सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि पाकिस्तान का मददगार देश तुर्की भी ऐसे विध्वंसक लड़ाकू ड्रोन बनाने में महारथ हासिल है। हाल में हुई ताजा घटनाओं में भी पाकिस्तान ने तुर्की के ही ड्रोन से भारत पर हमले किए भले ही हमारे एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें पहले ही मार गिराए मगर फिर यूक्रेन ने ड्रोन ट्रांसपोर्ट के लिए जिस तरह ट्रकों का सहारा लिया उससे भारत को भी सजग रहने की जरूरत है। – शक्ति सिंह चौहान, जोधपुर
यूक्रेन का ‘ऑपरेशन स्पाइडर वेब’ युद्धकला में क्रांति का प्रतीक है, जहां सस्ते ड्रोनों ने रूस के टैंकों और ठिकानों को तबाह किया। भारत और अन्य देशों के लिए यह सबक है कि स्वदेशी ड्रोन और एआइ तकनीक युद्ध में गेम-चेंजर हो सकते हैं। छोटे ड्रोन, जैसे स्वार्म और एफ.पी.वी. बड़े सैन्य संसाधनों को नष्ट कर सकते हैं। भारत को ड्रोन निर्माण, साइबर युद्ध और ऑटोनॉमस हथियारों पर जोर देना चाहिए। यह ऑपरेशन सिखाता है कि तकनीकी नवाचार और रणनीति से छोटे देश भी महाशक्तियों को चुनौती दे सकते हैं। – इशिता पांडेय, कोटा
ऑपरेशन स्पाइडर वेब ने भविष्य में बदलती युद्ध तकनीकी और रणनीति से दुनिया को नई दिशा दी, जो कि कम लागत वाली होने के साथ अधिक सटीक और कम जनहानि वाली है। मानव रहित ड्रोन के प्रयोग से दुनिया के सभी देशों को सीखना चाहिए कि आत्मरक्षा के लिए उन्हें चंद बड़े देशों से अधिक लागत वाले हथियार खरीदने की जगह इंटरनेट व तकनीकी विकास पर अधिक ध्यान देना चाहिए। साथ ही ड्रोन कार्रवाई युद्ध को एक सांकेतिक रूप देती है, जिसे वार्तालाप से बिना अधिक जनहानि के मुद्दों को हल करने का एक विकल्प देती है। – शिवा सारस्वत, टोंक