इसके लिए सरकार को तेजी से प्रयास करने होंगे। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता पैदा करनी होगी। आगामी वर्षों में उद्योगों के लिए ऊर्जा स्रोतों की अधिक आवश्यकता होगी। इसके लिए पारंपरिक ऊर्जा स्रोत पर्याप्त नहीं होंगे। सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा देश में ऊर्जा के अक्षय स्रोत हैं जो विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचने ने गेम चेंजर साबित होगा।
—दिनकर शर्मा, भरतपुर
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नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने की दिशा में सबसे प्रभावशाली उपाय सरकारी स्तर पर एक स्पष्ट, स्थिर और प्रोत्साहनकारी नीतिगत ढांचे की स्थापना है। जब सरकार दीर्घकालिक नीतियाँ बनाकर निवेशकों, उद्योगों और उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ व कर लाभ (जैसे टैक्स छूट, सब्सिडी, फीड-इन टैरिफ) प्रदान करती है, तो इस क्षेत्र में तेज़ी से विकास संभव होगा। नीति और प्रोत्साहन ही वह आधार हैं, जिन पर नवीकरणीय ऊर्जा का सशक्त भविष्य निर्मित किया जा सकता है।
— देवेन्द्र, शिवनगर, बीकानेर
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सरकार को इसके लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करने, ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। अनुमति और नियामक प्रक्रियाओं को व्यवस्थित रखा जाए। प्रौद्योगिकी और वित्त दोनों ऊर्जा संक्रमण को सुविधाजनक बना सकते हैं । निवेश को सक्षम करने के लिए नीतियों व प्रक्रियाएं का महत्वपूर्ण स्थान है। जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को धीरे-धीरे समाप्त कर बाजार आधारित तंत्र को लागू करना होगा।
— लता अग्रवाल, चित्तौड़गढ़
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नवीनीकरण योग्य ऊर्जा इस क्षेत्र में अधिक अनुसंधान की जरूरत है। सोलर पैनल की कीमतें आम आदमी की पहुंच में हों। सरकारी स्तर पर अधिक अनुदान दे कर हर आवास,फैक्टरी, नलकूपों,सरकारी विभागों आदि पर सोलर पैनल लगाए जा सकते हैं परंपरागत ऊर्जा स्रोत सीमित हैं। लोगोंं को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है।
— ओमप्रकाश दिनोदिया, हनुमानगढ जंक्शन
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लोगों को घरों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति लानी होगी। अक्षय ऊर्जा असीमित और प्रदूषण रहित ऊर्जा है जिसका नवीकरण होता रहता है। यह सर्वसुलभ तथा सस्ती है। सरकार को निजी और सार्वजनिक निवेश दोनों को प्रोत्साहन देना चाहिए। साथ ही निवेश के जोखिमों को न्यूनतम करना चाहिए।
— साजिद अली, इंदौर
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सरकारें टैक्स छूट, सब्सिडी और फास्ट ट्रैक परमिट जैसी नीतियों के ज़रिए नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश को प्रोत्साहित करें। छोटे निवेशकों और आम जनता को सस्ती ब्याज दरों पर ऋण मिले। इससे सोलर पैनल या अन्य सिस्टम जैसे ऊर्जा भंडारण व्यवस्था स्थापना लगाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे स्तर पर सौर, बायोगैस और लघु जल विद्युत संयंत्र लगाए जाएं जिससे स्थानीय रोजगार भी उत्पन्न हों। उद्योगों और बड़ी इमारतों के लिए एक न्यूनतम प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से ऊर्जा लेने को अनिवार्य किया जाए।
— डॉ. मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ़
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आज के समय में जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए, नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतो के प्रति जागरूकता के लिए सरकार को समूह बनाने चाहिए। इन समूहों का कार्य ऊर्जा के स्त्रोत जैसे – सौर ऊर्जा, बायोगैस आदि के बारे में जानकारी देने का हो। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में बायोगैस के प्रति जागरूकता हो ताकि उनके पास जो सामग्री उपलब्ध है, उसका इस्तेमाल हो सके।
— अंजलि सुन्द्रियाल, उत्तराखंड