इजरायल -ईरान संघर्ष भारत के लिए केवल एक बाहरी संकट नहीं बल्कि एक बहुआयामी चुनौती है। यह भारत की पश्चिम देशों की नीति की दिशा को झटका दे सकता हैं । बढ़ती तेल कीमतों से अर्थव्यवस्था और 40 अरब डॉलर के वार्षिक प्रेषण पर सीधा असर पड़ेगा । पश्चिम एशिया में बसे 90 लाख भारतीयों की सुरक्षा और आजीविका पर भी संकट मंडरा सकता है। इसके साथ ही I2U2 और भारत मध्यपूर्व यूरोप आर्थिक कॉरिडोर जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं की रफ्तार धीमी हो सकती हैं। सबसे अहम बात यह है कि दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी शिया आबादी वाले देश के रूप में भारत को घरेलू भावनाओं का भी बेहद संतुलित ढंग से सम्मान करना होगा ।
— शिवम् खुशी दुबे, प्रयागराज
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पाकिस्तान के साथ-साथ अब ईरान का भी एयरबेस बंद होने से दूसरे देशों में जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी। इससे हवाई सफर महंगा होगा व समय भी ज्यादा लगेगा। क्रूड के दाम बढ़ने से भारत आयात का बिल बढ़ जाएगा। अगर युद्ध इसी प्रकार जारी रहा तो उधर से आने वाले तेल की सप्लाई भी बाधित होगी इसे पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ेंगे। डॉलर की मांग ज्यादा होने से रुपए का अवमूल्यन भी हो सकता है।
— लता अग्रवाल चित्तौड़गढ़
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इजरायल – ईरान संघर्ष के कारण पहले से अस्थिर दुनिया के सामने विश्व युद्ध का खतरा पैदा कर दिया है । इन दोनों के बीच चल रहे संघर्ष का असर भारत पर भी पड़ेगा । ईंधन की आपूर्ति में बाधा आ सकती है। सूखे मेवे की आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है । भारत में दोनों की कीमतों में उछाल आ सकता है ।
-वसंत बापट, भोपाल
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भारत के सामने परस्पर दो विरोधी शक्तियों के साथ रणनीति बनाने की चुनौती है।इजरायल ईरान के युद्ध से भारत की ऊर्जा सुरक्षा, प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा और खाड़ी में समुद्री हित प्रभावित हो सकते हैं। भारत का आयात बिल बढ़ जाएगा। हवाई यात्रा का समय ओर खर्च दोनों बढ़ जायेंगे। पेट्रोल के दाम बढ़ जाएंगे तो महंगाई बढ़ जाएगी। विदेशी मुद्रा पर सीधा असर पड़ेगा।
— शालिनी ओझा, बीकानेर
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ईरान इजरायल संघर्ष का भारत के व्यापार पर बहुत असर पड़ेगा। अगर युद्ध बढ़ता है तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेलों की कीमतें बढ़ जाएगी जिससे भारत में पेट्रोल डीजल रसोई गैस परिवहन लागत के दामों में बढ़ोतरी होगी और महंगाई बढ़ेगी। भारत के व्यापार पर खासा असर पड़ सकता है।
— मीना सनाढ्य, उदयपुर