12 साल के बाद किसी भारतीय ने इस खिताब को अपने नाम करने में कामयाबी हासिल की है। इससे पहले दिग्गज विश्वनाथन आनंद ने 2012 में चेस वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीता था। गुकेश यह खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं।
बुधवार को वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप की 13वीं बाजी में 68 चाल के बाद गुकेश को गेम ड्रॉ खेलना पड़ा था। तब स्कोर 6.5-6.5 से बराबरी पर था। गुकेश ने तीसरा, 11वां और 14वां गेम जीता। वहीं लिरेन ने पहला और 12वां गेम जीता। बाकी सभी गेम ड्रॉ रहे। उन्होंने लिरेन को 14वें गेम में से हराया। इसी के साथ स्कोर 7.5-6.5 हो गया और गुकेश चैंपियन बन गए।
गुकेश की वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच की यात्रा पिछले साल दिसंबर में शुरू हुई जब उन्होंने चेन्नई ग्रैंडमास्टर्स टूर्नामेंट जीतकर कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बनाई थी। कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में फाबियानो कारूआना और हिकारू नाकामुरा की अमेरिकी जोड़ी को प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन गुकेश ने सभी को पछाड़ते हुए कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतकर शतरंज की दुनिया में तूफान मचा दिया था और इनमें आर प्रज्ञानानंदा भी शामिल थे। तब गुकेश की उम्र मात्र 17 साल थी। वह कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट जीतने वाले सबसे युवा प्लेयर थे।