‘रैपिड’ फॉर्मेट में होगा टूर्नामेंट
प्रतियोगिता का फॉर्मेट ‘रैपिड’ होगा, जिसमें हर खिलाड़ी को 10 मिनट का समय मिलेगा और चाल के बाद कोई अतिरिक्त समय नहीं मिलेगा। खिलाड़ी “चैम्पियंस चेस टूर” के फरवरी और मई में होने वाले टूर्नामेंट से क्वालीफाई करेंगे, जबकि अंतिम चार खिलाड़ियों का चयन रियाद में होने वाले “लास्ट चांस क्वालिफायर” से होगा।
6 साल की उम्र से शतरंज खेल रहे सरीन
20 साल के निहाल सरीन केरल के त्रिशूर से हैं। उन्होंने 6 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया और 10 साल की उम्र में वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप जीतकर पहचान बनाई। 2022 में उन्होंने “चेस डॉट कॉम ग्लोबल चैंपियनशिप” में उपविजेता बनकर शानदार प्रदर्शन किया। हाल ही में उन्होंने प्रेसिडेंट्स कप 2024 जीता और ताशकंद ओपन में 10 में से 8 अंक लेकर अपराजेय रहते हुए खिताब अपने नाम किया। फिलहाल वह भारत में 8वें और दुनिया में 40वें स्थान पर हैं। उनकी एफआईडीई रेटिंग 2687 है।
‘मेरे लिए गर्व की बात’
निहाल ने इस मौके पर कहा कि ईस्पोर्ट्स वर्ल्ड कप का हिस्सा बनना मेरे लिए एक नया और रोमांचक अनुभव है। शतरंज हमेशा एक पारंपरिक खेल रहा है, लेकिन अब इसे ईस्पोर्ट्स में शामिल किया जाना खिलाड़ियों और दर्शकों के लिए एक नया अवसर खोल रहा है। भारत और एस8यूएल का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है।”
अरविंद ने 7 साल की उम्र में सीखना शुरू किया था शतरंज
वहीं, 25 वर्षीय अरविंद चितांबरम तमिलनाडु के मदुरै शहर के तिरुनगर इलाके से हैं। उन्होंने 7 साल की उम्र में अपने दादाजी से शतरंज सीखना शुरू किया और 12 साल की उम्र में ही “भारतीय अंडर-19 चैम्पियनशिप” जीत ली। 2013 में उन्होंने चेन्नई ग्रैंडमास्टर ओपन जीतकर सुर्खियां बटोरीं और अगले दो सालों में इंटरनेशनल मास्टर और फिर ग्रैंडमास्टर बन गए। उन्होंने 2018 और 2019 में दो बार नेशनल प्रीमियर शतरंज चैम्पियनशिप जीती। 2019 में उन्होंने क्लासिकल, रैपिड और ब्लिट्ज तीनों फॉर्मेट में जीत हासिल कर इतिहास रच दिया। हाल ही में उन्होंने 2025 प्राग चेस फेस्टिवल मास्टर्स जीता। इस समय वह भारत में चौथे और दुनिया में 11वें स्थान पर हैं। उनकी एफआईडीई रेटिंग 2749 है।
‘मुझे उम्मीद है कि मैं वैश्विक मंच पर अपने देश का नाम रोशन करूंगा।’
अरविंद ने कहा, “यह पल सिर्फ मेरे लिए नहीं, बल्कि पूरे भारतीय शतरंज के लिए खास है। एस8यूएल जैसी ईस्पोर्ट्स टीम का हिस्सा बनना इस बात का संकेत है कि शतरंज लगातार विकसित हो रहा है। जब एक बड़ी ईस्पोर्ट्स संस्था शतरंज के खिलाड़ियों में पैसा लगा रही है, तो पता चलता है कि डिजिटल दुनिया में शतरंज को एक प्रतिस्पर्धी और देखने लायक खेल के तौर पर कितनी पहचान मिल रही है। मुझे इसका हिस्सा बनकर बहुत अच्छा लग रहा है, और मुझे उम्मीद है कि मैं वैश्विक मंच पर अपने देश का नाम रोशन करूंगा।”