सुरेंद्र राजन को ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ फिल्म में संजय दत्त के साथ एक सीन के लिए भी जाना जाता है, जिसमें वे अस्पताल के सफाई कर्मचारी मकसूद का किरदार निभाते हैं। उनका जन्म 19 जुलाई 1939 को अजयगढ़ रियासत में हुआ था, जब देश अंग्रेजों की गुलामी में था। उनके दादा अजयगढ़ के जमींदार थे और उनका बचपन यहीं बीता।
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अजयगढ़ की सुधा रानी तैलंग बताती हैं कि सुरेंद्र राजन(Surendra Rajan) याति प्राप्त वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर और बेहतरीन पेंटर भी हैं। 70 फिल्मों में छोटे-बड़े रोल निभाकर सुरेंद्र ने बड़े पर्दे पर अपनी पहचान बनाई। फिल्मों वे इत्तफाक से पहुंचे। एक बार उनकी फोटो किसी मैगजीन में छपी, जिसमें उनके लुक की गांधीजी से तुलना की गई। वहीं से गांधी के किरदार में फिल्मी सफर का मौका मिला।
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सुरेंद्र नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा दिल्ली में फोटोग्राफी डिपार्टमेंट हेड थे। उनको आज़ादी की 50वीं वर्षगांठ पर मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में होने वाले लाइव शो के लिए गांधी के रोल के लिए बुलाया गया। वामन केंद्रे द्वारा उन्हें इस भूमिका के लिए चुने जाने के बाद गांधी के किरदार के साथ उनका सिलसिला शुरू हुआ।
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सुरेन्द्र को 2002 में पहली बार लीजेंड ऑफ भगत सिंह में गांधी का रोल मिला। इसके बाद मुन्ना भाई एमबीबीएस, लगे रहो मुन्ना भाई, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, फंस गए रे ओबामा, मर्डर 2, बच्चन पांडे में अभिनय किया। हाल ही में वेबसीरीज घोस्ट ऑफ गांधी में भी उन्होंने गांधी का किरदार निभाया।
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गांधी(Mahatma Gandhi) के किरदार को साकार करने सुरेंद्र ने उनकी कई डाक्यूमेंट्री फिल्में देखीं और किताबें पढ़ीं। उन्होंने गांधी के चरित्र को आत्मसात करने की पूरी कोशिश की और शूटिंग के दौरान कई बार उन्हें महसूस हुआ जैसे वे खुद गांधी हैं। उनका मानना है कि गांधी का सही रूप फिल्मों में नहीं दिखाया जाता। वे कहते हैं कि गांधी का उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा है और गांधी के जीवन को पूरी तरह से समझने बहुत पढ़ाई की है।