रैली के क्या है सियासी मायने ?
बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी इस चुनाव में महागठबंधन का गढ़ वाले सीवान और आसपास की 24 विधानसभा सीटों पर जीत का एक बड़ा लक्ष्य रखा है। जो कि किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। बीजेपी नेताओं का मानना है कि पीएम मोदी की ये रैली यहां एनडीए की राह को आसान कर सकती है। यही कारण है कि बीजेपी बाहुबली शहाबुद्दीन के गढ़ में पीएम मोदी की रैली कर सारण और गोपालगंज की 24 विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेगी।
मुस्लिम वोटर्स का दबदबा
बिहार के सीवान जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है। यहां पर 25% से ज्यादा मुस्लिम और यादव वोटर हैं। इनकी अच्छी खासी तादात होने के कारण इन सीटों पर महागठबंधन का दबदबा है। MY समीकरण के दबदबा के बावजूद बीजेपी नेता सवर्ण और अति पिछड़ा वोट बैंक को अपने साथ गोलबंद करना चाहती है। बीजेपी का मानना है कि ये अगर गोलबंद हो गए तो सीवान की 8 विधानसभा सीटों पर बाजी पलटी जा सकती है।
रैली को लेकर स्कूल कॉलेजों में छुट्टी
पीएम की रैली को देखते हुए शुक्रवार को सीवान जिला प्रशासन की ओर से सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान और आंगनबाड़ी केंद्रों में शैक्षणिक गतिविधियों को बंद कर दिया गया है। डीएम आदित्य प्रकाश के इस पत्र पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने तंज कसते हुए एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा है कि पीएम के चुनावी दौरे की वजह से शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिबंध, पढ़ेगा इंडिया, तभी तो बढ़ेगा इंडिया की हकीकत आपके सामने है। हालांकि डीएम ने अपनी चिट्ठी में तर्क दिया है कि पीएम के सीवान दौरा के कारण सड़कों पर भारी ट्रैफिक रहेगा। इसके कारण बच्चों को स्कूल और कोचिंग जाने में परेशानी हो सकती है। इसको देखते हुए शैक्षणिक गतिविधियों पर रोक लगाई गई है।