टेंडर विवाद में हुई थी हत्या
पुलिस के अनुसार हत्या का मुख्य कारण चौसा स्थित निर्माणाधीन 1320 मेगावॉट थर्मल पावर प्लांट में कोयला का टेंडर है। मनोरंजन पांडेय टेंडर में अर्जुन यादव के हस्तक्षेप और उसके राजनीतिक प्रभाव से नाराज था। इसको लेकर ही मनोरंजन ने अर्जुन यादव को रास्ते से हटाने की साजिश रचा और इसकी जिम्मेवारी उसने अपने मित्रों के सहयोग से पेड शूटर को दिया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मनोरंजन ने प्रत्येक शूटर तीन लाख की सुपारी दिया। अर्जुन यादव की हत्या के लिए तीन शूटर को हायर किया गया था। शूटरों को एडवांस के रुप में एक लाख रुपया भी मनोरंजन पांडेय ने दिया था।
पटना में बनी थी हत्या की साजिश
पुलिस के अनुसार अर्जुन यादव की हत्या की साजिश पटना बना था। मई के पहले सप्ताह में पटना के मैरीन ड्राइव पर मनोरंजन पांडेय, राजा दुबे, वीरू उपाध्याय और राजेंद्र उपाध्याय ने मिलकर हत्या की साजिश रची थी। इसके बाद राजा दुबे को शूटर हायर करने की जिम्मेदारी दी गई थी। प्रति शूटर तीन लाख रुपये की सुपारी तय की गई। पुलिस के अनुसार इटावा गांव निवासी अभिषेक राय उर्फ मोलू को शूटरों के साथ लगाया गया, जिसे अर्जुन की गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई। शुक्रवालिया गांव निवासी गोलू उपाध्याय को लाइनर बनाया गया, जो हत्यारों को लाइव जानकारी देता था। 23 मई को शूटरों को एक लाख रुपये एडवांस दिया गया था, ताकि वे हथियार और हत्या से जुड़ा सामान खरीद सकें।
26 मई को हुई थी हत्या
26 मई को अर्जुन यादव जब पाइपलाइन के काम से लौटकर थर्मल प्लांट के पास पहुंचे तो वहां पहले से खड़े बाइक सवार शूटर दिनेश और निखिल ने उसपर तीन गोलियां चलाईं और मौके से फरार हो गया। अर्जुन यादव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। इस मामले में बक्सर पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि दोनों शूटर अभी भी फरार चल रहे हैं।