Tej pratap yadav controversy: तेज प्रताप को किससे है जान का खतरा, आकाश के बयान की क्यों हो रही चर्चा?
Tej pratap yadav controversy तेजप्रताप यादव बार बार क्यों कह रहे हैं कि मेरे साथ साजिश किया जा रहा है, मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा रचा जा रहा है। तेजप्रताप यादव किसकी ओर इशारा कर रहे हैं कि “मेरी खामोशी को कमजोरी न समझें।
Tej pratap yadav controversy मेरी जान को खतरा है, सरकार मुझे और सुरक्षा दे। तेज प्रताप यादव के इस बयान के बाद बिहार में सियासी पारा बढ़ गया है। राजनीतिक गलियारे में जितने लोग उतनी बातें होने लगी है। लेकिन, तेजप्रताप ने यह नहीं बताया है कि उनको किससे जान को खतरा है। तेजप्रताप यादव को जानने वाले भी इसपर अभी चुप हैं। लेकिन सभी का कहना है कि समय आपने पर सब कुछ बतायेंगे।तेजप्रताप यादव सोमवार को जो कुछ कहा उसमें उनका दर्द, दुविधा और छटपटा के साथ साथ अंदर की एक कुलबुलाहट दिखा। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, पूरे बिहार की जनता को बताना चाहता हूं कि मेरे साथ अन्याय हुआ है। उन लोगों को मैं खुली चुनौती देता हूं, जिन्होंने मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा। इसके साथ ही मैं यह भी साफ करना चाहता हूं कि मैं किसी से डरने वाला नहीं हूं। जरुरत पड़ने पर अदालत की शरण में भी जाऊंगा।
तेजप्रताप यादव बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार से है। मां और पिता जी सीएम रह चुके हैं। छोटा भाई नेता प्रतिपक्ष है। बड़ी सांसद हैं। स्वंय तेजप्रताप यादव विधायक हैं। फिर किससे जान का खतरा है? ऐसे में तेजप्रताप यादव का बयान कई चीजों की ओर इशारा कर रहे हैं। तेजप्रताप यादव बार बार किसकी ओर इशारा कर रहे हैं कि कुछ लोग मेरे साथ साजिश कर रहे हैं। मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा रचा जा रहा है। तेजप्रताप यादव किसको कह रहे हैं कि “मेरी खामोशी को कमजोरी न समझें… झूठ के चक्रव्यूह को तोड़ने जा रहा हूं” यह सब कुछ बहुत कुछ इशारा करता हैं। तेज प्रताप का यह सब कुछ उनका कुलबुलाहट, तड़प है या फिर व्यक्तिगत उलझन नहीं है वे कुछ इशारा करना चाह रहे हैं। सरकार से उन्होंने जब अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग किया है तो पुलिस इसकी भी जांच करेगी। बिहार पुलिस के रिटायर डीएसपी नाम नहीं छापने की शर्त पर कहते हैं कि सरकार से जब किसी को सुरक्षा दी जाती है या फिर बढ़ायी जाती है तब कुछ की जांच होती है? तो स्वभाविक है तेजप्रताप यादव के बयान की भी जांच होगी कि वे बार बार क्यों यह सब कह रहे हैं।
फेसबुक पोस्ट के बाद लालू ने दिखाया बाहर का रास्ता
दरअसल यह विवाद, तेज प्रताप यादव के एक फेसबुक पोस्ट के बाद शुरू हुआ। तेजप्रताप यादव ने अपने फेसबुक पोस्ट में अनुष्का यादव के साथ 12 साल के रिश्ते का दावा किया था। इसके कुछ समय बाद उन्होंने लिखा कि मेरा अकाउंट “हैक” कर लिया गया था। लेकिन, पोस्ट के सामने आने के बाद बवाल बढ़ गया। परिवार और पार्टी की प्रतिष्ठा दावं पर लग गई। इससे खफा होकर लालू प्रसाद ने तेजप्रताप यादव को अपने परिवार और पार्टी से बेदखल कर दिया।
परिवार ने छोड़ा साथ आकाश ने दिया साथ
फेसबुक पोस्ट के सामने आने के बाद परिवार के प्रत्येक सदस्यों ने उनका साथ छोड़ दिया? अनुष्का यादव का भाई आकाश यादव ने जरुर तेजप्रताप यादव के साथ खड़े दिखे। लेकिन उन्होंने जो बयान दिया अब उसकी व्याख्या हो रही है। आकाश यादव ने कहा था कि मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है, लेकिन तेजस्वी यादव के पास बहुत कुछ है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अनुष्का यादव स्वतंत्रता सेनानी आमिर गुरु जी की नातिन हैं। आकाश यादव ने ये बातें क्यों कही, अब इसकी व्याख्या हो रही है। आकाश यादव ने आगे कहा था कि मैं अपनी बहन के साथ हूं। जरुरत पड़ा तो कोई भी बड़ा फैसला ले सकते हैं। तेजप्रतात यादव की सुरक्षा की मांग के बाद आकाश यादव के इस बयान की क्यों सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है।
माता पिता को बताया था “भगवान”
तेजप्रताप यादव 1 जून 2025 को एक पोस्ट शेयर कर अपने माता-पिता को “भगवान” बताते हुए लिखा था कि आपके बिना कुछ नहीं हो सकता। 6 जून 2025 को एक वीडियो में वे अपने “ऑफिस” में माता-पिता की तस्वीरों के साथ दिखे थे। जिसके बाद से नई पार्टी बनाने की अटकलों से जोड़ पकड़ा था। हालांकि, उन्होंने 13 जून को एक्स पर इसे “जयचंदों” की साजिश बताकर खारिज कर दिया था। राजनीति के जानकारों की नजर में लालू प्रसाद का तेज प्रताप की बेदखली का फैसला 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी और तेजस्वी यादव की छवि को मजबूत करने की दिशा में रणनीति का एक पार्ट है। लेकिन, तेजप्रताप के पोस्ट में कुलबुलाहट, परिवार से अलगाव और राजनीतिक उपेक्षा का सम्मिश्रण की ओर इशारा कर रहा है।